asd अफसर कोई भी हो उसका सम्मान और सुरक्षा तो होनी ही चाहिए

अफसर कोई भी हो उसका सम्मान और सुरक्षा तो होनी ही चाहिए

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पिछले लगभग एक दशक में देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और उनके सहयोगियों व यूपी के सीएम योगी समेत सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों द्वारा आम आदमी को सस्ता सुलभ न्याय दिलाने और उनकी समस्याओं के समाधान का प्राथमिकता से प्रयास और सरकार की योजनाओं का लाभ समय से मिले इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता। लेकिन कुछ निरंकुश सोच वाले अथवा काम में लापरवाही करने वाले हुक्मरानों की कार्यप्रणाली के चलते भले ही सरकार और जनप्रतिनिधियों की मंशा और योजना के तहत पूरा काम ना हो पा रहा हो मगर फिर भी किसी को भी यह अधिकार नहीं है कि वो अफसर या कर्मचारी किसी भी स्तर का क्यों ना हो उस पर हमला करे या सरकारी काम में बाधा डाले। यह बात बिल्कुल सही है कि अपने अधिकारों के लिए संघर्ष जरूरी है और आम आदमी का ध्यान कामचोरों की ओर खींचने की आवश्यकता हमेशा रही है लेकिन यह कार्य हिंसक तरीके से ना करके महात्मा गांधी के दिखाये मार्ग पर चलकर किया जाए तो अच्छा है। मगर सरकारी अफसर का अपमान किसी भी रूप में नहीं होना चाहिए। इस बारे में आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री फिल्म अभिनेता पवन कल्याण का कथन सही है कि अधिकारियों पर हमला करने वाले नेताओं को बख्शा नहीं जाएगा।
इस बारे में एक खबर के अनुसार आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने शनिवार को चेतावनी दी कि जो भी नेता किसी सरकारी अधिकारी पर ‘हमला या उसके काम में ‘बाधाश् ड़ालेगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह चेतावनी एक दलित सरकारी अधिकारी से मिलने के बाद दी, जिस पर स्थानीय वाईएसआरसीपी नेता सी. सुदर्शन रेड्ड़ी ने कथित तौर पर हमला किया था। घ् कल्याण ने कड़पा रिम्स अस्पताल के बाहर कहा, यदि राजनीतिक नेता अहंकार में अधिकारियों पर हमला करते हैं, तो हम सुनिश्चित करेंगे कि आपको उचित सजा मिले। कल्याण के अनुसार, सुदर्शन रेड्ड़ी ने कई अन्य लोगों के साथ मिलकर अन्नामय्या जिले में गालीवेड़ु मंड़ल परिषद विकास अधिकारी (एमपीड़ीओ) जवाहर बाबू पर कथित तौर पर हमला किया और उनके साथ दुर्व्यवहार कियाॉ क्योंकि उन्होंने सरकारी कमरे की चाबी देने से इनकार कर दिया था। कल्याण ने बताया कि बाबू को एक कमरे में बंद कर उसकी पिटाई करने के अलावा उन्हें जातिसूचक गालियां और ‘जान से मारने की धमकी दी गई। उन्होंने दावा किया कि सुदर्शन रेड्ड़ी का अधिकारियों पर हमला करने का इतिहास रहा है तथा उन्होंने उल्लेख कियाघ् कि अतीत में उन्होंने शेखर नाइक प्रताप और श्रीनिवास रेड्ड़ी जैसे अधिकारियों को निशाना बनाया था। युवजन श्रमिक रायतु कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) की आलोचना करते हुए कल्याण ने कहा कि 11 सीटों पर सिमटने के बाद भी पार्टी नेताओं का अहंकार कम नहीं हुआ है और उन्होंने वाईएस जगन मोहन रेड्ड़ी से उन पर लगाम लगाने का आग्रह किया। उपमुख्यमंत्री ने वाईएसआरसीपी नेताओं और अन्य राजनीतिक हस्तियों को चेतावनी दी कि सरकारी अधिकारियों पर हमले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। कल्याण ने वरिष्ठ जिला अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। मेरा मानना है कि इस संबंध में वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों द्वारा एक अच्छा संदेश दिया जाना चाहिए जिससे व्यवस्था बनी रहे।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

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