दक्षिण भारतीय फिल्म अभिनेता अल्लू अर्जुन की फिल्म पुष्पा 2 के निर्माताओं द्वारा बीती चार दिसंबर को फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान हैदराबाद के संघ्या सिनेमा में मची भगदड़ में मरी महिला के परिवार को दो करोड़ की सहातया राशि दी गई और अल्लू अर्जुन के पिता फिल्म निर्माण अल्लू अरविंद द्वारा घायलों की सहायता का ध्यान रखा जा रहा है। यह प्रयास अच्छा है। क्योंकि इससे मृतका के परिवार को थोड़ी राहत जरूर मिलेगी। इस तरह की घटना ना हो इसका ध्यान आयोजकों को रखना चाहिए मगर अल्लू अर्जुन के घर प्रदर्शन व्यवस्था के अनुकूल नहीं कह सकते क्योंकि उसमें उनका तो कोई कसूर है नहीं। बड़े नेताओं की जनसभाओं में लाखों लोग जुटते हैं और कुछ दक्षिणी भारतीय अभिनेताओं और नेताओं के लिए लोग जान भी दे देते हैं। ऐेसे में उनके खिलाफ प्रदर्शन सही कैसे कहा जा सकता है। भीड़ से बचकर रहना आम आदमी की भी जिम्मेदारी है। पूर्व केंद्रीय सूचना मंत्री अनुराग ठाकुर का यह कहना सही है कि कोई ऐसा बयान ना दे जिससे तेलगू फिल्म इंडस्टी को नुकसान पहुंचे क्योंकि दक्षिण भारतीय सिनेमा ने भारत की सिनेमा को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई है। जहां तक महिला की मौत की बात है तो ऐसा नहीं होना चाहिए था। मगर यह जो प्रथा अभिनेताओं नेताओं के घर पर प्रदर्शन की बढ़ती जारही है इसे ठीक नहीं कहा जा सकता।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
अल्लू अर्जुन का क्या कसूर
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