बीती 22 अप्रैल को पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमलों मे मारे गए 26 पर्यटकों को देशभर में मोमबत्तियां जलाकर और जुलूस निकालकर नागरिक श्रद्धांजलि देकर दुखी परिवारों को सांत्वना दे रहे हैं वहीं पूरा देश और नागरिक एक हैं यह संदेश भी दिया जा रहा है। घटना के दूसरे दिन पीएम मोदी की अध्यक्षता में जो निर्णय लिए गए थे वो लागू हो रहे हैं। पाकिस्तानी नागरिकों की देश से वापसी का आदेश होने पर पाक नागरिकों को 14 श्रेणी का वीजा रद हुआ है उनकी वापसी भी हो रही है। आम आदमी का मानना हेै कि दशहतगर्दों को उनकी कारगुजारियों का खामियाजा भुगतना होगा। अब तो पाकिस्तान के व्यक्ति की ओर से भी कहा जा रहा है कि उनके यहां आतंकियों को टेनिंग दी जाती है। इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए दोषियों को सबक सिखाने का मार्ग अपनाकर सरकार को कार्रवाई शुरू कर देनी चाहिए। पूर्व वायुसेना प्रमुख अरूप राहा का कहना है कि पहलगाम हत्याकांड के मददेनजर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ सैन्य अभियान चलाने का समय आ गया है। उन्होंने उरी व पुलवामा हमलों के बाद किए गए हमलों का हवाला देते हुए कहा कि भारत ने इस मिथक को तोड़ दिया है कि दो परमाणु शक्ति संपन्न देश युद्ध नहीं लड़ सकते। दूसरी ओर पूर्व सेना प्रमुख जनरल शंकर राय चौधरी का कहना है कि पहलगाम आतंकी हमला खुफिया विफलता के कारण हुआ और उन्होंने इसके लिए उच्चतम स्तर पर जवाबदेही तय करने की मांग की। वह एक समाचार एजेंसी से बात कर रहे थे। उनका कहना था कि पहलगाम हमले के पीछे पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई की भूमिका है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि आतंकवाद को हराने के लिए सभी एकजुट हों। हम सरकार के साथ है। पहली बार शिमला समझौते के बाद हिमाचल के राजभवन में ऐतिहासिक मेज पर पाकिस्तान का झंडा लगा था जो अब हटा दिया गया है। बीते दिवस दिल्ली में बंद रहा और आज यूपी के कई शहरों में व्यापार संघों के आहवान पर बंद इतना सफल है कि पेट्रोल पंप और सब्जी के ठेले भी बंद नजर आ रहे हैं। मेरा मानना है कि पीएम और गृहमंत्री का यह आदेश कि 27 से पहले सभी पाकिस्तानी देश से चलें जाएं पर कार्रवाई तेजी से होनी चाहिए। इस मामले में 28 को जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल द्वारा विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि भले ही अभी उरी जैसी सर्जिकल स्ट्राइक ना की गई हो लेकिन देश में हर स्तर पर इस घटना का विरोध और आतंकियों और उन्हें संरक्षण देने वाले देश के खिलाफ कार्रवाई के लिए सरकार को नागरिकों का समर्थन मिल रहा है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि शत्रुता हमारा स्वभाव नहीं है लेकिन नुकसान हम नहीं सह सकते। मुुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि देश शक्तिशाली है यह दिखाने का समय आ गया है। हमें शक्ति का प्रदर्शन करना चाहिए। क्योंकि यह लड़ाई धर्म और अधर्म के बीच है। मुझे लगता है कि अब नागरिकों के समर्थन का सम्मान और सरकार पर विश्वास करने व आतंकियों को समाप्त करने का समय आ गया है। हमारी सरकार को सख्त निर्णय लेने में भी कोताही नहीं करनी चाहिए। क्योंकि आवश्यकता पड़ने पर देशवासी इस मुददे पर एकजुट होकर सरकार और पीएम मोदी के साथ खड़े हैं।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
आतंकियों को बता देना चाहिए शत्रुता हमारा स्वभाव नहीं लेकिन नुकसान सहना भी नहीं! अब हमें अपनी शक्ति दिखाने का समय आ गया है
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