asd विश्व मराठी साहित्य सम्मेलन में शरद यादव को कुर्सी पर बैठाना और पानी देना मतदाता को भा गया, विपक्ष को भी करना चाहिए इसका सम्मान

विश्व मराठी साहित्य सम्मेलन में शरद यादव को कुर्सी पर बैठाना और पानी देना मतदाता को भा गया, विपक्ष को भी करना चाहिए इसका सम्मान

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वैसे तो हर व्यक्ति जो राजनीति में सक्रिय हो। देश के विकास एकता और मजबूत परिवेश तैयार करने हेतु अपनी समझ के अनुसार प्रयास करता ही है। लेकिन देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी दुनिया के ज्यादातर देशों में अपना और देश का सम्मान बढ़ाने के साथ साथ हर क्षेत्र में सशक्त नेतृत्व और वरिष्ठ नेताओं को सम्मान देेनें में अग्रणी भूमिका निभाते रहे हैं। बीते दिवस एक बार फिर उन्होंने अपनी इस शख्सियत के तहत सबके बीच विरोधी दल के नेता शरद पवार को सम्मान देकर प्रस्तुत की। भारत मंडप स्कूल और ऑफ अल्टीमेटम शोध सम्मेलन का उदघाटन करते हुए उन्होंने कहा कि भारत एक वैश्विक महाशक्ति के रूप में उभर रहा है। इसेे बनाए रखने के लिए देश को ऐसे नेताओं की जरूरत है जिनका दृष्टिकोण वैश्विक और मानसिक भारतीय हो। उन्होंने दिल्ली के ही विज्ञान भवन में आयोजित 18वें अखिल भारतीय मराठी सम्मेलन का उदघाटन करने के बाद कहा कि 100 वर्ष पहले जिस आरएसएस का बीज बोया गया था वह आज एक वट वृक्ष के रूप में भारतीय संस्कृति को नई पीढ़ी तक पहुंचा रहा है। यह मेरा सौभाग्य है कि मेरे जैसे लाखों लेागेां को इस संगठन ने देश के लिए जीने की प्रेरणा दी। विज्ञान भवन में आयोजित मराठी सम्मेलन में देशभर के मराठी साहित्यकार और नेता मौजदू रहे। सबने यही दोहराया कि भारतीय भाषाओं ने कभी आपसी बैर नहीं रहा। यहां 71 साल के बाद दिल्ली में हो रहा यह मराठी सम्मेलन। इससे पूर्व 1954 में पंडित जवाहरलाल नेहरू के समय हुआ था। जिसका उदघाटन प्रधानमंत्री के रूप में उनके द्वारा किया गया था। इस सम्मेलन की शुरूआत इससे पूर्व 1878 में पुणे में जस्टिस महादेव गोविंद की अध्यक्षता में हुई थी। महाराष्ट्र के अलावा मध्यप्रदेश गुजरात और विदेश से भी मराठी साहित्य में रूचि रखने वालों ने अखिल भारतीय मराठी साहित्य महामंडल की स्थापना की है।
वैसे तो इस सम्मेलन में पीएम ने बहुत कुछ कहा लेकिन जब एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार अपने संबोधन के बाद कुर्सी पर बैठने जा रहे थे तो प्रधानमंत्री ने खड़े होकर उन्हें कुर्सी पर बैठने में मदद की तथा मंच पर सम्मेलन के दौरान शरद पवार को पानी भी दिया। जिसका उपस्थितों ने स्वागत किया। इससे यह भी सदेश गया कि देश और समाज के हित में कोई भी आयोजन क्यों ना हो पीएम मोदी सबके साथ खड़े हैं और इन आयोजनों में विपक्ष के नेताओं को सम्मान देने और अपनापन दर्शाने में भी पीछे नहीं है। मुझे लगता है कि शायद उनका ऐसा ही अपनापन और विपक्षी नेताओं के प्रति सम्मान दर्शाने की भावना शिक्षा के क्षेत्र में बच्चों से वार्ता और आम आदमी की उपलब्धियां बयान करने का फल है कि पीएम का विश्व में अलग स्थान है। और ज्यादातर लोग नरेंद्र मोदी की बात पर विश्वास करते नजर आते हैं। पीएम का शरद पवार के प्रति यह सहहृदयता दिखाना मुझे भी अच्छा लगा और समझता हूं कि विपक्ष को इसका सम्मान करना चाहिए।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

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