Date: 23/11/2024, Time:

राजा भैया की पत्नी के खिलाफ उत्तराखंड़ सरकार की बड़ी कार्रवाई, जब्त की कृषि भूमि

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देहरादून 12 अक्टूबर। उत्तराखंड सरकार ने नैनीताल जिले में उत्तर प्रदेश के विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ ​​राजा भैया की पत्नी के नाम पर पंजीकृत आधे हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि जब्त कर ली है क्योंकि जिस उद्देश्य से यह जमीन ली गई थी उसके लिए जमीन का उपयोग नहीं किया जा रहा था। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

कैंची धाम के उपजिलाधिकारी विपिन चंद्र पंत ने बताया कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों की मौजूदगी में पटवारी (राजस्व अधिकारी) रवि पांडे ने जेडएएलआर (संशोधन) अधिनियम की धारा 154 (4) (3) (बी) का उल्लंघन करने के लिए उत्तर प्रदेश जमींदारी उन्मूलन और भूमि सुधार (संशोधन) अधिनियम, 1950 की धारा 167 के तहत जमीन जब्त करने की औपचारिकताएं शुक्रवार को पूरी कीं।

अधिकारी ने बताया कि जेडएएलआर (संशोधन) अधिनियम की धारा 154 (4) (3) (बी) के तहत भूमि को खरीदे जाने के दो साल के भीतर स्वीकृत उद्देश्य के लिए उसका उपयोग किया जाना आवश्यक है। पंत ने बताया, ‘‘लंबे समय से इस जमीन पर किसी भी तरह का खेती या किसानी से जुड़ा कोई काम नहीं हो रहा था।’’ ऐसा माना जाता है कि राजा भैया और उनकी पत्नी भानवी सिंह अब अलग-अलग रह रहे हैं।

उन्होंने बताया कि नैनीताल जिले के बेतालघाट ब्लॉक में स्थित सिल्टोना गांव में 27.5 नाली (जो आधे हेक्टेयर से अधिक है) जमीन 17 साल पहले विधायक ने अपनी पत्नी के नाम पर आनंद बल्लभ नामक स्थानीय निवासी से खरीदी थी। एक नाली भूमि लगभग 2,500 वर्ग फुट के बराबर होती है।

राजस्व विभाग द्वारा भूमि जब्त करने की कार्रवाई शुरू किए जाने के बाद भानवी सिंह ने आयुक्त की अदालत और राजस्व बोर्ड में कार्रवाई की वैधता को चुनौती दी लेकिन उनकी अपील खारिज कर दी गई जिसके बाद राज्य सरकार ने उनकी जमीन जब्त कर ली। ऐसा माना जा रहा है कि उत्तराखंड सरकार द्वारा राज्य में भूमि के लिए लाए जाने वाले सख्त कानून के अनुरूप ही यह जमीन जब्त की गई है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में देहरादून में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान बताया था कि राज्य में जल्द ही सख्त भूमि कानून लाए जाएंगे ताकि लोगों को असीमित भूमि खरीदने से रोका जा सके और राज्य में ‘भूमि बैंक’ तैयार किए जा सकें। उन्होंने बताया था कि संभवतः अगले विधानसभा सत्र तक भूमि कानून लाए जाने की संभावना है। उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि खरीददारों द्वारा खरीद के समय बताए गए उद्देश्य के लिए जिस भूमि का उपयोग नहीं किया जा रहा है उसे राज्य सरकार वापस ले लेगी।

उन्होंने बताया था कि ऐसी जमीनों की सूची तैयार की जा रही है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने हाल ही में कुमाऊं के दौरे के दौरान अधिकारियों को मुख्यमंत्री के इस फैसले के बारे में जानकारी दी थी और उनसे कहा था कि वे अपने क्षेत्रों में उन भूमि सौंदों पर ध्यान दें जिसका उपयोग खरीद के समय बताए गए उद्देश्य के लिए नहीं किया जा रहा है। मुख्य सचिव द्वारा क्षेत्र का दौरे किए जाने के एक सप्ताह से भी कम समय बाद राजा भैया के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है।

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