लखनऊ 25 दिसंबर। उत्तर प्रदेश में आयकर विभाग का 73,094 करोड़ रुपये धन्नासेठ दबाए बैठे हैं। पूरे देश में आयकर विभाग को 17.90 लाख करोड़ रुपये वसूलना है। कुल वसूली में 4 फीसदी हिस्सेदारी यूपी की है। इतना ही नहीं महज 192 मामलों की सैंपल जांच में आयकर विभाग के 851 करोड़ रुपये बकाया पाए गए। इनमें से 164 करोड़ रुपये अकेले यूपी के 15 धन्नासेठ दबाए बैठे हैं। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की सैंपल जांच में ये भी खुलासा हुआ है कि 225 करोड़ रुपये का विवरण विभाग के पास नहीं है।
सीएजी रिपोर्ट के मुताबिक आयकर विभाग के यूपी ईस्ट क्षेत्र में 18,593 करोड़ रुपये की वसूली बकाया है। वहीं यूपी वेस्ट में 54,501 करोड़ रुपये आयकर विभाग को नहीं दिए। रकम के लिहाज से यूपी पुणे रीजन, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, केरल, बिहार, झारखंड से काफी आगे है।
इसके अतिरिक्त सीएजी ने आयकर विभाग से 17 क्षेत्रों से लेखापरीक्षा जांच के लिए 18,870 मामले मांगे थे। इनमें से जांच के लिए 10,896 मामलों में बड़े बकाया वाले केसों को ही चुना गया। इस तरह 1,279 मामलों की जांच की गई। हैरत की बात ये है कि 10,896 मामलों में ही आयकर विभाग का 5.92 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि फंसी मिली।
उत्तर प्रदेश को आयकर विभाग ने दो हिस्सों में बांटा है- यूपी ईस्ट और यूपी वेस्ट व उत्तराखंड। सीएजी ने सैंपल के तौर पर यूपी ईस्ट के 103 फाइलों का परीक्षण किया। इसमें करीब 191 करोड़ रुपये फंसे है। यानी प्रति करदाता 1.85 करोड़ रुपये आयकर विभाग का बकाया है। वहीं, यूपी वेस्ट के 88 करदाताओं ने तो आयकर विभाग का 660 करोड़ रुपये नहीं दिया। इस क्षेत्र में एक करदाता पर 7.5 करोड़ रुपये बकाया हैं।
सीएजी ने सैंपल के लिए यूपी वेस्ट के पांच बड़े केसों के परीक्षण में 36 करोड़ रुपये के बकाये का खुलासा किया। वहीं, यूपी ईस्ट के बड़े मामलों में 10 सेठ आयकर विभाग का 128 करोड़ रुपये दबाए बैठे हैं। सूत्रों के मुताबिक ये रकम सबसे ज्यादा गाजियाबाद, नोएडा, कानपुर, मेरठ, प्रयागराज, आगरा, लखनऊ, झांसी, बरेली और गोरखपुर के कारोबारियों पर बकाया है।
रिपोर्ट के मुताबिक आयकर विभाग ने यूपी ईस्ट के 20 करदाताओं का डोजियर उपलब्ध नहीं कराया, जिसमें 48.97 करोड़ रुपये का हिसाब-किताब बाकी है। वहीं, यूपी वेस्ट के 18 करदाताओं का डोजियर नहीं मिला, जिसमें 170 करोड़ रुपये विभाग के फंसे हैं।