asd यूपी की प्रगति संतोषजनक पर संभावनाओं को देखते हुए ये पर्याप्त नहीं: सीएम योगी

यूपी की प्रगति संतोषजनक पर संभावनाओं को देखते हुए ये पर्याप्त नहीं: सीएम योगी

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लखनऊ, 22 अक्टूबर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 22 से 28 अक्टूबर तक इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में चलने वाले सिल्क एक्सपो का मंगलवार को उद्घाटन किया। सीएम ने रेशम मित्र पत्रिका का विमोचन किया और 16 कृषकों, उद्यमियों, संस्थाओं व डिजाइनरों को पं. दीनदयाल उपाध्याय रेशम रत्न सम्मान प्रदान किया। सीएम ने यहां लगी प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक नारा हमेशा प्रचलित रहा है, रोटी कपड़ा और मकान। कपड़ा जीवन की आवश्यकता है और किसान की आमदनी बढ़ाने के साथ रोजगार का सशक्त माध्यम है। यूपी की प्रगति पहले की तुलना में संतोषजनक हो सकती है लेकिन यूपी की संभावनाओं को देखते हुए अपर्याप्त है। सिल्क एक्सपो भी इसका माध्यम बने इसलिए आह्वान करूंगा। मुख्यमंत्री योगी आज खनऊ के इंदिरानगर में सिल्क एक्सपो के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के अंदर वाराणसी और भदोही के आसपास आजमगढ़ से मुबारकपुर तक के कई जिलों में सिल्क क्लस्टर डेवलप करने के लिए केंद्र ने कदम बढ़ाए हैं। काशीधाम बनने के बाद बनारसी साड़ियों की मांग में बहुत वृद्धि हुई है। पीएम मित्र पार्क टेक्सटाइल पार्क एक हजार एकड़ में विकसित होने जा रहा है लेकिन कच्चा माल हमें ही तैयार करना होगा। किसान के लिए असीम संभावनाएं हैं। बस्ती, गोरखपुर और देवीपाटन सही कई मंडलों में रेशम उत्पादन बढ़ेगा।

यूपी का क्लाइमेट जोन अलग अलग है। ऐसे में यहां हर तरह के रेशम उत्पादन की अच्छी संभावनाएं हैं। अगर बनारसी साड़ी सहित अन्य रेशम उत्पाद को प्रदेश में सस्ता कच्चा माल मिलेगा तो बहुत विकास होगा। मार्केटिंग से लेकर डिजाइनिंग तक के लिए सरकार आपके साथ है। उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने अपने परंपरागत उत्पाद के लिए नई पॉलिसी बनाई, जिसे एक जिला एक उत्पाद का नाम दिया। सरकार ने इसे उत्पादन, पैकेजिंग, मार्केटिंग और डिजाइनिंग से जोड़ा है। यूपी में 75 से ज्यादा उत्पादों को जीआई टैग मिला है। पिछली सरकारों की उपेक्षा का दंश यूपी के पारंपरिक उत्पादों को झेलना पड़ा। आज अलग जिलों के अलग उत्पाद ग्लोबल प्लेटफार्म में यूपी की पहचान मजबूत कर रहे हैं। सिल्क क्लस्टर यूपी में बनाना होगा। किसानों को रेशम मित्र के रूप में पहचान दिलाएंगे। सरकार हर संभव सहायता करेगी। उन्होंने कहा कि पीएम मित्र पार्क इन संभावनाओं को आगे बढ़ाने में मदद करेगा। रेशम पारंपरिक तकनीक पर है लेकिन तकनीक के साथ खुद को बदलना पड़ेगा। चरखा अब बिजली का आ गया है। रेशम के उत्पादों को जब प्रोसेसिंग से जोड़ रहे हैं तो आधुनिक तकनीक की मदद लेनी पड़ेगी।

इस अवसर पर एमएसएमई मंत्री राकेश सचान, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका एस. गर्ग, सदस्य सचिव केंद्रीय रेशम बोर्ड नई दिल्ली पी. शिवकुमार, अपर मुख्य सचिव (रेशम) बीएल मीना, निदेशक (रेशम) सुनील कुमार वर्मा आदि मौजूद रहे।

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