Date: 04/12/2024, Time:

यूपी के मुख्यमंत्री केंद्रीय वित्त मंत्री दें ध्यान! कैसे खुल गए फर्जी एनओसी पर अवैध निर्माणों में बैंक, उपभोक्ता परेशान

0

शहर देहात महानगरों मंे सुनियोजित विकास व आवागमन तय करने की जिम्मेदारी विकास प्राधिकरणों आवास विकास छावनी बोर्ड और नगर निगम सहित स्थानीय निकायों को केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा सौंपी गई है। मौखिक सूत्रों के अनुसार इन विभागों के अवैध निर्माण रोकने से संबंध अधिकारियों की लापरवाही और उनकी गलत कार्य प्रणाली पर अंकुश लगाने के लिए विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते इनकी फर्जी एनओसी के दम पर सरकारी निर्माण नीति का उल्लंघन करते हुए चारों तरफ राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय तथा संस्थाओं द्वारा खोले गए बैंकों की बाढ़़ आई हुई है। सबको पता है कि 80 प्रतिशत बैंक अवैध निर्माणों में खुले हुए हैं। इसके बावजूद जाम से मुक्ति दिलाने के लिए पुलिस प्रशासनिक अधिकारी योजना बना रहे हैं लेकिन असली जड़़ों की ओर अभी तक ध्यान देने के लिए शायद कोई तैयार नहीं है।
परिणामस्वरूप अवैध निर्माणकर्ता मोटा माल कमा रहा है। बैंक वाले अपनी सुविधा से शाखा खोलें बैठें हैं। कुछ सूत्रों का कहना है कि किराया और स्थान निर्धारित करने वाले अफसरों को बैंक बैलेंस बढ़ाने का मौका इसमें मिल जाता है। नुकसान में बेचारा उपभोक्ता रहता हैं बैंक के बाहर न वाहन खड़ा करने की सुविधा है और न गर्मी सर्दी से बचाने की व्यवस्था। कुछ उपभोक्ताओं का कहना है कि कितने ही बैंकों में तो बैठने और साफ पेयजल की व्यवस्था तक नहीं है। इस सबके बावजूद एसी कमरों में बैठकर उपभोक्ताओं को भी इनके द्वारा परेशान किया जाता है। कोई भिड़ गया तो उसका काम हो जाता है वरना वह गिड़गिड़ाता रहता है। जबकि बैंक के बाबुओं को जो जिम्मेदारी दी गई उनका कोई पालन नहीं करता है। एक जागरूक उपभोक्ता के अनुसार नियम विरूद्ध खुले बैंकों की सही व्यवस्था का ज्ञान सदर गंज में राजेंद्र सिंघल के मकान में खुले एसबीआई बैंक आबूलेन से काठ का पुल जाने वाले संजय महेश्वरी के मकान में खुले बैंक ऑफ बड़ौदा बैंक, वेस्ट एंड रोड पर खुलें बैंकों और कुटिया चौराहे पर एसएसपी आवास के निवास के निकट अवैध निर्माण में खुले एक्सिस बैंक, बेगमपुल से बच्चा पार्क जाने वाले मार्ग पर बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा को देखा जा सकता है। सवाल यह उठता है कि आखिर मोटा व्यवसाय करने वाले बैंक काफी किराया देने के बाद भी इन अवैध भवनों में यह जानते हुए भी कि जो एनओसी उन्हें दिखाई दी जा रही है और जो मानचित्र पास दिखाया गया है वो फर्जी होने के बाद भी संबंधित विभागों से भवन किराये पर लिए जाने से पहले जांच क्यों नहीं की जाती और ग्राहकों को सुविधा हेतु माहौल क्यों नहीं बनाया जाता। मेरा मानना है कि केंद्रीय वित्त मंत्री रिजर्व बैंक के गवर्नर और वित्त मंत्रालयों के अधिकारियों सहित यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ जी को प्रदेश के सुनियोजित विकास और सौंदर्यीकरण के लिए जो योजना बनाई है उन्हें पूरा करने के लिए तमाम बैंकों की जांच कराई जाए कि वो जहां खुले हैं वो अवैध तो नहीं है। मानचित्र पास के नाम पर फर्जी एनओसी तो नहीं लगाई गई है और ऊपर दिए गए विभागों ने इस बात का संज्ञान क्यों नहीं लिया। अब जैसे जैसे आबादी बढ़ रही है हर प्रदूषण चरम पर है और अफसरों की अपना बैंक बैलेंस बढ़ाने की जो प्रवृति हिलोरे ले रही है अगर कार्रवाई नहीं की गई तो आगे चलकर बैंक ग्राहकों के सामने परेशानी आएगी क्योंकि जाम बढ़ता जाएगा। आवागमन की योजना ध्वस्त हो सकती है।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

Share.

Leave A Reply