लखनऊ 14 जनवरी। योगी सरकार अगले वित्तीय वर्ष 2025-26 में करीब आठ लाख करोड़ रुपये का बजट पेश कर सकती है। वित्त विभाग ने विभिन्न विभागों से प्राप्त प्रस्तावों पर मंथन भी शुरू कर दिया है। फरवरी के दूसरे सप्ताह में विधानमंडल का बजट सत्र बुलाए जाने की उम्मीद है। बजट के विकास और कल्याणकारी योजनाओं पर केंद्रित रहने का अनुमान है।
सरकार ने मौजूदा वित्तीय वर्ष 2024-25 का मूल बजट 7,36,437.71 करोड़ रुपये का पेश किया था। इसके बाद दो अनुपूरक बजट आ चुके हैं। जुलाई में पहला अनुपूरक बजट 12,209.93 करोड़ रुपये का सरकार लाई थी।
दूसरा अनुपूरक बजट दिसंबर में 17,865.72 करोड़ रुपये का था। दोनों अनुपूरक बजट मिलाकर चालू वित्तीय वर्ष का कुल बजट 7,66,513.36 करोड़ रुपये पहुंच गया है। सरकार इस बजट से बड़ा बजट आगामी वित्तीय वर्ष के लिए पेश करेगी। इसके लिए तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। बजट में विकास परियोजनाओं के लिए करीब 2.50 लाख करोड़ रुपये तक रखे जा सकते हैं। सरकार का विशेष ध्यान प्रदेश में सड़कों का जाल और एक्सप्रेसवे की परियोजनाओं के साथ ही प्रदेश का बुनियादी ढांचा मजबूत करने पर रहेगा।
योगी सरकार ने दूसरे अनुपूरक बजट में ऊर्जा क्षेत्र में बड़ा हिस्सा दिया था, नए बजट में भी नई परियोजनाओं और बिजली वितरण में सुधार के लिए बड़ा हिस्सा देने का अनुमान है। किसानों को राहत देने और नई योजनाओं के लिए कृषि क्षेत्र में भी बजट का बड़ा हिस्सा मिल सकता है।
योगी सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में आधारभूत ढांचे को सुधारने के लिए व शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य कल्याणकारी योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए भी बजट का बड़ा हिस्सा इन याेजनाओं के लिए रखेगी।
प्रदेश सरकार ने साल 2024-25 के लिए ऐसा बजट पेश किया, जो जमीनी हकीकत के करीब हो। शुरुआत में सरकार ने 7 लाख 36 हजार 437 करोड़ रुपये का बजट बनाया था। बाद में, दो अनुपूरक बजट पेश किए गए, जिससे कुल बजट बढ़कर करीब 7.66 लाख करोड़ रुपये हो गया। सरकार ने सभी विभागों से कहा है कि वे बजट का सही इस्तेमाल तेजी से करें ताकि अगले वित्तीय वर्ष में विकास योजनाओं के लिए और ज्यादा बजट मिल सके।