Date: 05/02/2025, Time:

यूपी बोर्ड ने 1416 शिक्षकों व प्रधानाचार्याें को किया डिबार, परीक्षा में नहीं मिलेगी कोई भी ड्यूटी

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प्रयागराज 28 जनवरी। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने प्रदेश के 1416 शिक्षकों व प्रधानाचायों को डिबार करते हुए उनके नामों की लिस्ट जारी कर दी है। यह लिस्ट जिला विद्यालय निरीक्षकों को प्रेषित करते हुए निर्देश जारी किए गए हैं कि इन शिक्षकों व प्रधानाचार्यों को बोर्ड परीक्षा से संबंधित कार्यों से अलग रखा जाए। किसी भी दशा में इनसे परीक्षा संबंधी कार्य न लिया जाए।

यूपी बोर्ड की पिछली परीक्षाओं में कर्तव्यों का पालन न करने व कार्यों में लापरवाही बरतने के कारण यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने इन 1416 शिक्षकों व प्रधानाचार्यों को डिबार किया है। इनमें प्रयागराज के 158 शिक्षक भी शामिल हैं।
सचिव भगवती सिंह की ओर से सूची जारी कर निर्देश दिए गए हैं कि डिबार शिक्षकों व प्रधानाचार्यों को यूपी बोर्ड परीक्षा 2025 से संबंधित सभी कार्यों से अलग रखा जाए।

यह भी कहा गया है कि अगर ऐसे शिक्षक या प्रधानाचार्य परीक्षा के लिए निर्धारित परीक्षा केंद्र पर केंद्र व्यवस्थापक या सहायक केंद्र व्यवस्थापक के रूप में नियुक्त किए गए हों तो उनकी जगह विद्यालय के किसी अन्य वरिष्ठ शिक्षक की ड्यूटी लगा दी जाए।
सचिव ने निर्देशों का गंभीरता से पालन करने को कहा है, ताकि बाद में कोई विवाद न हो सचिव ने चेतावनी दी है कि इस मामले में कोई लापरवाही होती है तो संबंधित के विरुद्ध नकल निवारण अधिनियम 2024 सहित संगत धाराओं व विभागीय नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसकी पूरी जिम्मेदारी संबंधित अधिकारी की होगी।

निरीक्षण दल से बदसलूकी पड़ेगी भारी, होगी जेल
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा के दौरान निरीक्षण दल से बदसलूकी भारी पड़ेगी। ऐसा करने पर उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम, 2024 की धारा-13 (4) के तहत कारावास और जुर्माना होगा माध्यमिक शिक्षा निदेशक महेंद्र देव ने प्रश्नपत्रों की गोपनीयता, शुचिता बनाए रखने और नकलविहीन परीक्षा कराने के लिए केंद्रों के निरीक्षण के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। किसी निरीक्षण दल के किसी सदस्य, पर्यवेक्षी कर्मचारी, अधिकारी या सहयोजित किसी व्यक्ति को धमकी, उत्प्रेरणा, प्रलोभन, बाधा या बल प्रयोग से प्रभावित करने या प्रभावित करने करने का प्रयास करने पर जुर्माना व कारावास की सजा होगी परीक्षा से संबंधित किसी कार्य या किसी कर्तव्य के पालन का कार्य संधि जाने पर किसी व्यक्ति द्वारा जानबूझकर उपेक्षा की जाती है और इससे प्रश्नपत्र का प्रकटन हो सकता है या परीक्षा का संचालन प्रतिकूल रूप से प्रभावित हो सकता है, ऐसी स्थिति में कारावास व जुर्माना होगा।

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