बुलंदशहर, 10 जनवरी। कोतवाली खुर्जा नगर क्षेत्र के गांव समसपुर निवासी दो लोग स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के आश्रितों के फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर उत्तर प्रदेश पुलिस में उप निरीक्षक के लिए चयनित हुए। प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने पर दोनों के खिलाफ लखनऊ में मुकदमा दर्ज हुआ था। अब कोतवाली खुर्जा नगर में मुकदमा स्थानांतरण होने के बाद विवेचना शुरू हुई है।
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती प्रोन्नति बोर्ड हुसैनगंज लखनऊ के पुलिस अधीक्षक प्रेमचंद की ओर से दर्ज कराए मुकदमे के अनुसार उपनिरीक्षक नागरिक पुलिस एवं समकक्ष पदों पर सीधी भर्ती 2020-21 में चयन के लिए विक्रांत पुत्र वीरेंद्र और राहुल पुत्र महेंद्र निवासीगण समसपुर ने पिछड़ा वर्ग स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के आश्रितों के रूप में आवेदन किया था। चयन प्रक्रिया के दौरान अभिलेखों की समीक्षा एवं शारीरिक मानक परीक्षण के अवसर पर उक्त दोनों ने जिला मजिस्ट्रेट बुलन्दशहर कार्यालय से निर्गत स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के आश्रित विषयक प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए। उपरोक्त दोनों उपनिरीक्षक पद पर चयनित होकर सुल्तानपुर के पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय में प्रशिक्षणरत हैं।
पुलिस अधीक्षक पीटीएस सुल्तानपुर ने उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड को उक्त दोनों प्रशिक्षणाधीन उपनिरीक्षकों के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के आश्रित प्रमाणपत्रों के सत्यापन नहीं होने और फर्जी प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर आरक्षण प्राप्त कर चयन प्राप्त करने के मामले से अवगत कराया।
अजय कुमार, कोतवाली खुर्जा नगर प्रभारी का कहना है कि विक्रांत और राहुल के खिलाफ लखनऊ में मुकदमा दर्ज हुआ था। अब कोतवाली खुर्जा नगर में स्थानांतरण हुआ है। विवेचना की जा रही है।