Date: 22/12/2024, Time:

छठवीं व आठवीं क्लास में पढ़ने वाले दो भाई सबसे कम उम्र में बने सीईओ

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चेन्नई 03 मई। 14-15 साल की उम्र और छठवीं व आठवीं क्लास में पढ़ने वाले दो भाइयों ने वह कर दिखाया है जिस मकाम को हासिल करने के लिए लोग सालों खपा देते हैं. इन दो भाइयों की जोड़ी ने वह कमाल किया है कि देशभर के लाखों युवा उद्यमियों के लिए प्रेरणा बन गए हैं. आमतौर पर 6 व 8वीं क्लास में पढ़ने वाले बच्चे अच्छे नंबर से 10वीं और 12वीं पास करने के बाद डॉक्टर, इंजीनियर या किसी और प्रोफेशन में करियर बनाने की सोच रखते हैं. लेकिन, इन दोनों बच्चों ने मानो बचपन से बिजनेसमैन बनने का सपना देख लिया था इसलिए कक्षा 6 और 8वीं में पढ़ते हुए ही भारत में सबसे कम उम्र के सीईओ बन गए. ऐसे ही दो प्रतिभाशाली भाई श्रवण और संजय कुमारन रहे हैं। उन्‍होंने सबसे कम उम्र के ऐप डेवलपर्स का खिताब हासिल किया। दोनों 30 अंडर 30 लिस्‍ट में शामिल हुए।

श्रवण और संजय कुमारन ने 2011 में चेन्नई में अपने घर से अपनी कंपनी GoDimensions की स्थापना की। तब वे 10 और 12 साल के थे। संजय ने सीईओ के रूप में काम किया। जबकि श्रवण ने प्रेसीडेंट का पद संभाला। थोड़े समय के भीतर दोनों भाइयों ने सात मोबाइल एप्लिकेशन विकसित किए। इन्हें 50 से ज्‍यादा देशों में लोकप्रियता हासिल हुई। हजारों यूजरों ने इनका इस्‍तेमाल किया।
दरअसल बचपन से दोनों भाइयों को कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग के प्रति बड़ी रुचि थी. उनकी इस प्रतिभा और समर्पण को पिता कुमारन सुरेंद्रन ने पहचान और उन्हें इस क्षेत्र में काम करने के लिए प्रेरित किया. इसके बाद दोनों भाइयों ने बचपन से ही कंप्यूटर पर काम करना शुरू कर दिया. इन बच्चों ने महज 4 साल की उम्र में पीपीटी बनाना शुरू कर दिया था.

कुमारन ब्रदर्स द्वारा डेवलप पहला ऐप कैच मी कॉप था, जो भारत में बचपन के प्रसिद्ध खेल ‘चोर-पुलिस’ से प्रेरित एक गेमिंग ऐप था. उनके द्वारा डिज़ाइन किए गए अन्य ऐप्स में बाल शिक्षा ऐप – अल्फाबेट बोर्ड और कलर पैलेट, इमरजेंसी सर्वि ऐप, प्रार्थना ऐप और गेमिंग ऐप – सुपरहीरो और कार रेसिंग शामिल हैं. उन्होंने 150 टेस्ट ऐप्स भी डेवलप किए हैं. बाद में, दोनों प्रतिभाशाली भाइयों ने अमेरिका में टेक्सास ए एंड एम विश्वविद्यालय से कंप्यूटर विज्ञान की डिग्री हासिल की. उनके लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, श्रवण वर्तमान में सैन फ्रांसिस्को में सेल्सफोर्स के लिए एक सॉफ्टवेयर डेवलपर के रूप में काम करते हैं, जबकि संजय माइक्रोसॉफ्ट में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर इंटर्न हैं.

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