आज का दिन हम मेरठवासियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण गौरवशाली और तीन तीन मां का आशीर्वाद प्राप्त करने का रहा। कह सकते हैं कि हर आदमी मातृशक्ति को प्रणाम और आभार करने में लगा था। दोस्तों आज जन्म देने वाली मां का आभार व्यक्त करने का दिन मदर्स डे हम मना रहे थे तो दूसरी ओर भारत माता की सुरक्षा के लिए दस मई को यहां से जो क्रांति हुई उसमें हिस्सा लेने और देश की आन बान शान कायम रखने के लिए प्राणों की आहूति देने वालों को याद किया और धरती मां को हम हमेशा ही नमन करते हैं। क्योंकि इसकी गोद में पलने बढ़ने का मौका मिलता है। इससे की जाने वाली पैदावार हमें पेट भरने और रोजगार करने का मौका देती है। कुल मिलाकर यह कहने में कोई हर्ज नहीं है कि आज हमनें अपनी तीनों माताओं को नमन किया और प्यार आभार व्यक्त किया। सब जानते हैं कि धरती मां हो या भारत माता या जन्म देने वाली जननी किसी के उपकार का बदला हम एक जन्म में भी नहीं दे पाते हैं। लेकिन मां का दिल इतना बड़ा है कि यह शुरू से ही हमें समझाने की कोशिश होती रही है। एक शायर ने कहा भी है कि एक बेटे ने मां का दिल निकाल लिया और जब लेकर चला तो ठोकर लगने पर गिर गया। तब मां का दिल बोला कि बेटा चोट तो नहीं लगी। अपनी गोद में पालकर बड़ा करने वाली माताओं को उनके किए गए कार्यों और अवसरों को कोई नहीं भूला सकता। हम भी भारत माता की आन बान के लिए जान देने और लेने में भी पीछे नहीं हटते। यह सत्य वर्तमान में पहलगाम की घटना के बाद जो हमारी सेनाओं और प्रधानमंत्री समेत देश के नेताओं ने किया उससे स्पष्ट नजर आता है। इन तीनों माताओं को प्रणाम करते हुए मैं समझता हूं कि हर नागरिक इनके दिखाए मार्ग पर चलकर देश हित और माताओं के सम्मान के लिए सजग प्रहरी की भाति काम करता रहेगा।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
आज हमने तीन माताओं को किया याद, उनके दिखाए मार्ग पर चलने की ली प्रेरणा
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