स्वतंत्र भारत में परिस्थितियां कुछ भी रही हो लेकिन देश की सीमाओं की रक्षा और मान सम्मान बढ़ाने में हमारी सेना ने कभी कोई कोताही नहीं होने दी। यह भी सही है कि सरकार हर सुविधा चाहे युद्ध या सामाजिक या रहन सहन के संबंध में कमी कभी नहीं होने दी। बांग्लादेश का युद्ध और उसके पहले और बाद में जितने युद्ध हुए या किसी के हमले का जवाब देने में सेना के जवान हमेशा खरा उतरे। चाहे कारगिल युद्ध हो या पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद। ऑपरेशन सिंदूर में हमलावरों को इस तरह से हमारे जवानों ने मुंहतोड़ जवाब दिया वो किसी को बताने की आवश्यकता नहीं है। सरकार किसी की भी रही हो सेना की मजबूती और उसे ताकतवर बनाने के मामले में ना सरकार ने कभी कोताही की और जनता तो हमेशा ही इन्हें हीरो मानकर हमेशा इनके हित और सुविधा के बारे में सोचती है। यही कारण रहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा दी गई खुली छूट से भारतीय सेना दुश्मनों को 22 मिनट में ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से घुटनों पर ले आई। भविष्य में कभी युद्ध का मुंह ना देखना पड़े इसके लिए भारत सरकार सेना को अत्याधुनिक हथियारों से और ताकतवर बनाने में लगी है। रक्षा मंत्रालय द्वारा 1980 करोड़ की सेना से संबंध सामान की खरीद के लिए 13 अनुबंध किए। जवानों को स्वदेशी तकनीकी से लैस करने के लिए भी प्रयास चल रहे हैं। अभी एक खबर पढ़ने को मिली कि पड़ोसी देश चीन ने पत्तों की तरह पंख कैमरा माइक्रोफोन से लैस मच्छर जितना जासूसी ड्रोन बनाया है। खबर में कहा गया है कि यह ड्रोन राडार को भी चकमा देने में सक्षम है। हमारी सरकार भी छोटे ड्रोन सहित 10 उपकरण खरीदने जा रही है।
माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निरतंर स्वदेशी उत्पादों को अपनाने का आहवान देशवासियों से कर रहे हैं। सरकार हर क्षेत्र में उत्पादन भी विशेष ध्यान दे रही है। कई रक्षा उपकरण देश में बनाए जाने की बात भी पढ़ने सुनने को मिली। मेरा मानना है कि पड़ोसी देश द्वारा बनाए गए ड्रोन के मुकाबले एक ऐसा स्वदेशी ड्रोन तैयार किया जाए जिसमें मच्छर के आकार के बनाए ड्रोन से ज्यादा विशेषताएं और दुनिया को इसकी जानकारी समय पड़ने पर हो। अन्य देशों में बने ड्रोन के मुकाबले यह हर तरह से अपने आप में नायाब हो। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के अनुसार तीनों सेनाओं को सीडीएस आदेश दे सकेंगे। ऐसे निर्णयों को लेकर आगे भी काम चल रहा है। सभी जानते हैं कि राजनाथ सिंह यूपी के सीएम रहे हो या केंद्रीय मंत्री उनकी कार्यप्रणाली अलग और महत्वपूर्ण समयानुकुल निर्णय लेने में सक्षम होती है। इन्ही तथ्यों को देखते हुए मेरा सुझाव है कि सेना की ताकत बढ़ाने के लिए सभी आवश्यक हथियार विदेशों से खरीदें साथ ही उन्हें अपने यहां बनाकर स्वदेशी हथियारों से लैस कराने का काम भी होता रहे तो देश की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय होगा।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
ड्रोन सहित देश की सेनाओं को मजबूत करने के लिए स्वदेशी तकनीक से हथियार बनाने पर दिया जाए जोर
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