अभी पूरी तौर पर गर्मियां शुरू भी नहीं हो पाई हैं लेकिन जिस प्रकार से मौसम में आए दिन बदलाव हो रहे हैं। चल रहे आंधी तूफान में जगह जगह पेड़ गिर रहे हैं। उससे यह पक्का है कि इस साल गर्मी से आम आदमी को बचाने और पर्यावरण संतुलन के लिए हरियाली प्रदान करने में सक्षम उतने पेड़ नहीं होंगे जितने पहले थे। गर्मी बढ़ेगी और इस तरह से पेड़ों की संख्या कम होगी तो कुछ पर्यावरणविदों और स्वास्थ्य से संबंध लोगों की इस बात में दम है कि मरने वालों की संख्या पर्यावरण प्रदूषण के चलते ज्यादा हो सकती है। बीमारों की गिनती तो बढ़ना तय है ही। ऐसे में मेरा मानना है कि सरकार तो हर साल वृक्षारोपण अभियान चला ही रही है मगर अब हमें भी मौसम के मिजाज और अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए परिवार के सदस्यों को बीमारियों से बचाने तथा खुशहाली बनाए रखने हेतु ज्यादा हरियाली देने वाले पेड़ मुख्य मार्गों और खासकर अपने घरों के आसपास लगाने चाहिए जो ऑक्सीजन भी दें और बीमारियों से भी छुटकारा देने में महत्वपूर्ण भूमिका दे सकते है। इसके लिए नीम के पेड़ तो बहुत जगह लगाए जा सकते हैं क्योंकि यह हरियाली देने के साथ कई मामलों में महत्वपूर्ण है।
आईएनएस की रिपोर्ट के अनुसार अधिक गर्मी की वजह से कई लोगों की जान भी चली जाती है। एक अध्ययन में सामने आया है कि शहरों में पेड़-पौधों की संख्या 30 प्रतिशत तक बढ़ाने से गर्मी के कारण होने वाली मौतों में एक तिहाई की कमी की जा सकती है। इससे वैश्विक स्तर पर 11.6 लाख लोगों की जान बच सकती है। आस्ट्रेलिया में मोनाश विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने दिखाया कि हरित क्षेत्र को 10 प्रतिशत, 20 प्रतिशत और 30 प्रतिशत बढ़ाने से गर्म मौसम का औसत तापमान क्रमशः 0.08 डिग्री सेल्सियस, 0.14 डिग्री सेल्सियस और 0.19 डिग्री सेल्सियस कम हो जाएगा। इससे क्रमशः 8.6, 10.2 और 11.6 लाख मौतों को रोका जा सकता है। इस खबर का यह सार भी मजबूत है कि इससे लाखों मौतों को रोका जा सकता है और कई प्रकार के लाभ भी उठाए जा सकते हैं।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
अपनों को गर्मी के प्रकोप से बचाने के लिए ज्यादा से ज्यादा लगाएं वृक्ष, हरियाली बीमारियों से बचाने में करेगी फायदा
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