सहारनपुर में एसएसपी आवास पर तैनात सिपाही अमित ने आत्महत्या कर ली लेकिन उसका कारण ऑनलाइन गेम की लत में डूब जाना सामने आ रहा है। यह तो एक ताजा खबर है लेकिन आनलाइन गेम के कारण कई परिवार बर्बाद होते जा रहे हैं। कितने ही आत्महत्या कर लेते हैं। इसी प्रकार से केंद्र सरकार द्वारा साइबर क्राइम करने वालों पर शिकंजा कसते हुए टेलीकॉम कंपनियों के लिए दिशा निर्देश भी जारी किए गए हैं। उसके बावजूद डिजिटल अरेस्ट कर लाखों की ठगी करने की खबरें कम होने की बजाय बढ़ती ही जा रही हैं। यह सही है कि डिजिटल मंच चाहे वह कोई सा भी हो अब कई मामलों में आवश्यकता बन गई है लेकिन इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता कि आदमी की जान से बढ़कर कुछ नहीं है। आनलाइन गेमिंग और डिजिटल अरेस्ट कर ठगी की बढ़ती घटनाएं अब परेशानी और तनाव का कारण बनकर उभरी है। कई मामलो में ठगी गई रकम पकड़े जाने की खबरें भी सामने आ रही हैं। लेकिन अभी तक इसका बड़ा समाधान नहीं सामने आया है। राहुल भी इस मामले में बहुत कुछ कर रही है। मुझे लगता है कि अगर यह गेमिंग जानलेवा और ठगी के मामले बढ़ते जा रहे हैं तो गृहमंत्रालय और सरकार को सख्त कदम उठाना चाहिए। उससे गेमिंग से जो आमदनी होती है वो कम हो जाए मगर नागरिकों की जान बची रहे। फिलहाल यही सबसे बड़ी जरूरत है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। क्योंकि अगर ध्यान से सोचें तो जब आनलाइन गेमिंग में लगे लोग अपनी पूंजी खत्म करने के बाद उधार लेने में नहीं चूकते तो इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता कि वो किसी अपराधिक घटना को बढ़ावा दे सकते है। क्येांकि जब कोई जान देने से नहीं घबरा रहा तो जेल जाने के डर से वो अपनी आदत से बाज आने वाला नहीं है। इसलिए सरकार को या तो आनलाइन गेमिंग बंद करे और डिजिटल ठगी को रोकने हेतु ठोस कदम उठाए। इसमें डिजिटल मंचों से भी मदद ली जा सकती है। फिलहाल इस पर रोक लगाई जाए क्योंकि यह नुकसान का कारण बन रहे हैं।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
आम आदमी के जान माल की हिफाजत के लिए ऑनलाइन गेमिंग पर लगे रोक, डिजिटल ठगों के खिलाफ हो सख्त कार्रवाई
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