यूपी के कन्नौज में एक निजी अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही के चलते 16 साल की लड़की की हुई मौत को लेकर गत दिवस मेरठ में कुछ युवाओं द्वारा जिलाधिकारी डॉ. वीके सिंह के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा गया। जिसमें मांग की गई कि प्रदेश के प्राइवेट अस्पतालों की व्यवस्था सही नहीं है। उन्होंने उस पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि यहां मरीजों और तीमारदारों के साथ हो रही लूट बंद हो। बताते चलें कि कन्नौज के छिबरामउ के निजी अस्पताल में 16 साल की बच्ची की मौत हुई। परिजनों ने अस्पताल कर्मियों पर लापरवाही के आरोप लगाए तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। जिसे कोई भी सही नहीं कह सकता। वर्तमान में अगर देखें तो कुछ अस्पतालों पर किडनी चोरी के आरोप लगते हैं तो कई में आयुष्मान योजना के नाम पर फर्जी भर्ती कर पैसा लेने के आरोप लगते हैं और ज्यादातर में लापरवाही और बिल बढ़ाने के मामले सामने आते रहते हैं। पूर्व में सपा के सरधना विधायक अतुल प्रधान द्वारा इस मुददे को लेकर आंदोलन किया गया था लेकिन नर्सिंग होम और अस्पतालों की लॉबी और इनके पास बेइंतहा धन जो कहीं ना कहीं कुछ गलत कर कमाया जा रहा है के दम पर हर मामले को इनके द्वारा दफना दिया जाता है वरना कोरोना काल में मजिस्ट्रेट को मेरठ के केएमसी हॉस्पिटल में फर्जी मरीज भर्ती होने का मामला मिला था। बाद में किडनी निकालने के आरोप लगे। फिर पता नहीं क्या हुआ आम आदमी को उत्पीड़ित करने वाले खामोश बने रहे और यह दोनों ही मामले सुर्खियों से गायब हो गए। ऐसे समय में नितिन गर्ग सचिन शर्मा, अभिषेक भाटी, आदेश प्रधान, दिपांशु, अमित भारद्वाज द्वारा शांतिपूर्ण तरीके से ज्ञापन देकर जो कार्रवाई की मांग की गई है उसे यही तक नहीं छोड़ना चाहिए। दोषी चाहे कोई भी हो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए और मुझे लगता है कि आए दिन किसी ना किसी जनसमस्या को लेकर ध्यान आकर्षित करने वाले संगठनों को देश प्रदेश में चिकित्सा सेवा में सुधार व सरकारी योजनाओं का लाभ आम आदमी को मिले और किसी परिवार का सदस्य उससे ना बिछड़े उसके लिए जरूरी है कि ऐसे प्रकरण में समाज को कंधा से कंधा मिलाकर आवाज उठानी चाहिए। क्योंकि ऐसा नहीं किया गया तो गलत हो रहा है तो वो और बढ़ता जाएगा। जिसके लिए ना हम सरकार को दोष को दे सकते हैं ना शासन प्रशासन को। क्योंकि हमारी खामोशी से वो स्थिति पैदा होगी।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
निजी अस्पतालों पर कसा जाए शिकंजा
0
Share.