देशभर में इस समय कई मौकों पर प्रमुख लोग सोशल मीडिया को कोसने और उसकी कमियां गिनाने का मौका नहीं चूकते हैं। लेकिन फेक न्यूज पर चर्चा हेतु संसदीय समिति द्वारा जो बिंदु तय किए गए हैं उनसे पता चलता है कि कई टीवी चैनलों द्वारा सनसनी फैलाने और टीआरपी बढ़ाने के लिए कुछ यदि की जा रही है ऐसे आरोप सोशल मीडिया पर लगाने बंद किए जाएं। जिस रिपोर्ट पर चर्चा हो रही है उसमें कई समस्याओं के चलते भारतीय भाषाओं के समाचार पत्रों द्वारा चुनावों के दौरान जो खबरें प्रकाशित की जाती है वो भी तबाही ला सकती है। इस बारे में जैसे संकेत सुनने को मिल रहे है। इससे संबंध एक खबर के अनुसार फेक व पेड न्यूज की बढ़ती समस्या, कई टीवी समाचार चौनलों का सनसनीखेज खबरों पर ध्यान केंद्रित करना और डिजिटल चुनौती व घटती पाठक संख्या के कारण पारंपरिक समाचार पत्रों की संघर्षशील स्थिति जैसे मुद्दे संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी पर स्थायी समिति की बैठक में उठाए जा सकते हैं। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की अध्यक्षता वाली यह स्थायी समिति इस बैठक में सभी प्रकार के मीडिया से जुड़े कानूनों के कार्यान्वयन की समीक्षा करेगी और इसमें मीडिया से जुड़े कई । पहलुओं पर चर्चा की जाएगी। सूत्रों का कहना है कि समिति महत्वपूर्ण व गंभीर समाचारों की उपेक्षा करके अपराध व सेलिब्रिटी के समाचारों को अत्यधिक कवरेज देने पर अपनी चिंता जता सकती है।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
सोशल मीडिया को कोसने वाले संभल जाएं, टीवी न्यूज चैनल भी संसदीय समिति की इसी श्रेणी में शामिल हैं
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