asd रैगिंग और साथी छात्रों का उत्पीड़न करने वालों को स्कूल में प्रवेश से किया जाए अयोग्य घोषित – tazzakhabar.com
Date: 27/03/2025, Time:

रैगिंग और साथी छात्रों का उत्पीड़न करने वालों को स्कूल में प्रवेश से किया जाए अयोग्य घोषित

0

केंद्र व प्रदेश सरकारें युवाओं को शिक्षा प्राप्त करने के प्रति आकर्षित करने और वो आसानी से साक्षर बन सके उसके लिए माहौल उपलब्ध कराने के लिए कई नियम कानून बनाए गए है। जिसके तहत किसी भी प्रकार का अत्याचार उन पर न होने देने की व्यवस्था बताई जाती है। रैगिंग के मामले में सख्ती बरती जा रही है। उसके बावजूद कुछ निरंकुश टीचर और छात्र पढ़ने आने वालों छात्रों का उत्पीड़न करने में कोई कसर नहीं रख रहे हैं। इस बारे में मेरठ के लावड़ महलका गांव के विद्या अर्पण पब्लिक स्कूल के छात्र भीमको के साथ स्कूल प्रधानाचार्य के सामने बुरी तरह डंडों से पीटे जाने का मामला सामने आया है। इसकी इंचौली थाने में महल गांव निवासी जानी कुमार द्वारा तहरीर दी गई है और अत्याचार के प्रमाण के रूप में सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराई गई है। लावड़ निवासी भीमको की प्रधानाचार्य के सामने ही उसकी जमकर पिटाई की गई बताई जाती है। दूसरी घटना कोटटायम के सरकारी स्कूल की बताते हैं जहां छात्र को निर्वस्त्र कर उसे खटिया से बांधकर शरीर में कंपास चुभाने के साथ उसके साथ दरिंदगी की गई। इस बारे में खबर के अनुसार केरल के एक सरकारी कॉलेज में रैगिंग की एक दर्दनाक घटना सामने आई है। मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थर्ड ईयर के पांच छात्रों ने अपने जूनियर छात्रों के साथ कई महीनों तक रैगिंग के नाम पर बर्बरता की है। वहीं, पांचों ने जूनियर छात्रों को मानसिक रूप से प्रताड़ित भी किया है।
यह घटना कोट्टायम के सरकारी नर्सिंग कॉलेज की है। आरोप है कि पांचों ने मिलकर फर्स्ट ईयर के तीन छात्रों के साथ रैगिंग को अंजाम दिया। तीनों छात्र तिरुवनंतपुरम से ताल्लुक रखते हैं।
छात्रों ने कोट्टायम गांधीनगर पुलिस में एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में जानकारी दी गई कि पांचों छात्रों ने पिछले साल नवंबर महीने से रैगिंग शुरू की थी। पांचों ने मिलकर तीन छात्राओं को लगभग तीन महीने तक प्रताड़ित किया। शिकायत के बाद पांचों छात्रों को कॉलेज से निलंबित कर दिया गया है। वहीं, रैगिंग विरोधी अधिनियम के तहत उन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
रैगिंग के नाम पर हुई हैवानियत
पुलिस के अनुसार, फर्स्ट ईयर के छात्रों को नग्न अवस्था में खड़े होने के लिए मजबूर किया गया जबकि उनके वरिष्ठ छात्रों ने उनके निजी अंगों से डंबल लटकाए। पीड़ितों को ज्यामिति बॉक्स से कंपास सहित नुकीली वस्तुओं से भी घायल किया गया। इसके बाद पीड़ित छात्रों के घावों पर लोशन लगाया गया। जब पीड़ित छात्र दर्द से चिल्लाने लगे, तो जबरन उनके मुंह में लोशन लगा दिया गया। सीनियर्स ने इन हरकतों को रिकॉर्ड भी किया। वहीं, जूनियर्स को धमकी दी गई कि अगर उन्होंने शिकायत की तो उन्हें परिणाम भुगतने होंगे।
बताते चलें कि हाल ही में कोच्चि में एक 15 वर्षीय स्कूली छात्र ने रैगिंग से परेशान होकर आत्महत्या भी कर ली थी। छात्र की मां ने आरोप लगाया कि उसके बेटे के साथ क्रूरतापूर्वक रैगिंग की गई थी, जिसके कारण वह आत्महत्या की ओर बढ़ गया।
मेरा मानना है कि छात्रों के साथ रैगिंग या अन्य नाम पर अत्याचार चाहे शिक्षक करें या सहयोगी छात्र वो क्षमा योग्य नहीं है क्योंकि इससे पढ़ने की इच्छा रखने वाले हतोत्साहित होते है। इसलिए इन दोनों मामलों के दोषियों को पढ़ने से अयोग्य घोषित करते हुए किसी भी स्कूल में जब तक यह अपनी आदत ना सुधार ले प्रवेश ना मिले ऐसी सजा का प्रावधान होना चाहिए। क्योंकि रैगिंग अत्याचार नहीं रूका तो शिक्षा का माहौल प्रदूषित होगा। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

Share.

Leave A Reply

sgmwin daftar slot gacor sgmwin sgmwin sgm234 sgm188 login sgm188 login sgm188 asia680 slot bet 200 asia680 asia680 sgm234 login sgm234 sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin asia680 sgmwin sgmwin sgmwin asia680 sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgm234 sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin ASIA680 ASIA680