प्रयागराज 06 मार्च। महाकुंभ में जहां 45 दिनों में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई, वहीं स्थानीय लोगों ने भी अपने रोजगार के विभिन्न उपायों से खूब कमाई की. चाहे मास्क बेचने वालों की बात हो, दातुन बेचने वालों की या फिर नाविकों की, सभी ने अच्छा लाभ कमाया. लेकिन इनमें से सबसे अलग कहानी एक नाविक की रही, जिसने 45 दिनों के भीतर 30 करोड़ रुपए कमा लिए. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा के बजट सत्र में इस नाविक परिवार की सक्सेस स्टोरी का जिक्र किया, जो प्रयागराज के अरैल का रहने वाला है.
महाकुंभ में कारोबार का जिक्र करते हुए CM योगी ने कहा- ‘मैं एक नाविक परिवार की सक्सेस स्टोरी बता रहा हूं, जिनके पास 130 नौकाएं हैं। प्रयागराज महाकुंभ के 45 दिन में इन्होंने शुद्ध बचत 30 करोड़ रुपए की। यानी एक नाव से रोज 50 से 52 हजार रुपए इनकम थी।’
प्रयागराज का नैनी इलाका, जो अरैल घाट के करीब है। यहीं पर शुकलावती देवी का घर है, जिनके बेटे पिंटू महरा और परिवार का जिक्र CM योगी ने सदन में किया। ये मूलतः निषाद परिवार से हैं। नदी आधारित कारोबार इनका पेशा है। शुकलावती के परिवार में दो बेटे पिंटू और सतीश हैं।
नाविक पिंटू महरा का घर सामान्य लोगों की तरह ही है। मौजूदा समय में मकान के ऊपरी फ्लोर में मजदूर निर्माण के काम में लगे हैं। मकान के आगे वाले हिस्से में लोगों की भीड़ उसे बधाई देने के लिए बैठी है।
यहां हमारी मुलाकात सबसे पहले पिंटू (40) की मां शुकलावती (71) से हुई। वे बताती हैं, जून 2018 में पति बच्चा महरा की मौत ने पूरे परिवार को अनाथ कर दिया। बच्चों के सिर से पिता का साया क्या उठा, परिवार की 2 जून की रोटी का सहारा छिन गया था, लेकिन आज बेटे की मेहनत ने सारे जख्म अपनी मेहनत और लगन से भर दिए हैं। यह कहते हुए उनकी आंख में आंसू छलक आ गए।
शुकलावती ने बताया, बेटे पिंटू ने पत्नी सुमन के जेवर गिरवी रखे। नाव तैयार करने के लिए रुपए कम पड़े तो मुझसे भी घर के कागज और जेवर मांगे। मैंने उससे कहा- ‘पागलपन न करो।’
डर था कि बेटे का कारोबार न चला तो सब लोग सड़क पर आ जाएंगे। लेकिन पिंटू मेहनत के साथ नाव तैयार करने के लिए रुपए जुटाता रहा। पहले सिर्फ चार नाव थीं, सितंबर 2024 में घर के कागज-जेवर गिरवी रख उसने धीरे-धीरे कर 70 नाव तैयार कर लीं।
शुकलावती ने कहा, पूरे परिवार ने महाकुंभ में बहुत मेहनत की, गंगा मैया ने हमारी बात सुन ली। हमारा कारोबार चमका और लोगों का आशीर्वाद भी हमें मिला।
पिंटू महरा का कहना है कि उसने 2019 में योगी सरकार के दिव्य और भव्य कुंभ में नाव चलाई थी. उस कुंभ के अनुभव से उसे अंदाजा हो गया था कि इस बार के महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भीड़ कहीं अधिक होगी. इसी कारण उसने महाकुंभ से पहले अपने पूरे परिवार के लिए 70 नई नावें खरीदीं. पहले से ही उसके सौ से अधिक सदस्यों वाले परिवार के पास 60 नावें थीं. इस तरह 130 नावों को उसने महाकुंभ में उतार दिया, जिससे उनके परिवार को इतनी बड़ी कमाई हुई कि अब कई पीढ़ियों का जीवन स्तर बेहतर हो जाएगा.
मां शुकलावती ने पिंटू से कहा था, एक बात गांठ बांधकर रखा लो, गंगा मां के आंचल में उतरकर कारोबार करने जा रहे हो, कभी किसी श्रद्धालु को सताकर रुपए न लेना। पिंटू ने कहा- उसने मां की बात को जेहन में रखा।
अपने परिवार व नाविक साथियों की मदद से किला घाट, VVIP घाट, वोट क्लब, अरैल समेत कई अन्य घाट पर श्रद्धालुओं के लिए नाव चलाईं। सरकार ने जितने रुपए निर्धारित किए थे, उतने लेकर श्रद्धालुओं को संगम में डुबकी लगवाई। पिंटू के अलावा परिवार में पत्नी और बेटा-बेटी हैं। घर में स्कॉर्पियो गाड़ी है। पिंटू से जब पूरी कमाई के बारे में पूछा गया तो उसने बताया कि 30 करोड़ उसने अकेले नहीं, पूरे कुनबे ने मिलकर कमाए हैं।