बिजनौर 25 सितंबर। बिजनौर आईटीआई के मैदान में भारत सरकार के कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय द्वारा कौशल महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार जयंत चौधरी शामिल हुए। इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए जयंत चौधरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था के प्रति मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बहुत गंभीर हैं। उत्तर प्रदेश में वर्दी का इतना डर होना चाहिए कि अपराधी खुद ही धराशायी हो जाएं और गोली चलाने की जरूरत नहीं पड़े। उत्तर प्रदेश पुलिस इतनी मजबूत होनी चाहिए कि अपराधी अपराध करने से डरें। पुलिस को एनकाउंटर की जरूरत ही न पड़े।
पूर्व मुख्यमंंत्री अखिलेश यादव द्वारा उत्तर प्रदेश में लगातार हो रहे एनकाउंटर के सवाल पर उन्होंने कहा कि एनकाउंटर की कई पहलुओं में जांच होती है। जब तक यह जांच पूरी न हो जाए किसी नेता को इस पर बात करने से बचना चाहिए।
केंद्रीय उद्यमिता एवं कौशल विकास राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार व शिक्षा राज्यमंत्री जयन्त चौधरी ने युवाओं को जॉब ऑफर लेटर देते हुए कहा कि वे ही देश का वर्तमान और भविष्य हैं। ये उनके लिए नए जीवन की शुरुआत है। जो हमारी पीढ़ी को नहीं मिला वो इस पीढ़ी को जरूर मिलेगा। जयंत ने कहा कि लेटर पाने वाले युवा अब अपने सपनों की उड़ान भरें। कार्यक्रम में तीन हजार से अधिक युवाओं को जॉब ऑफर लेटर वितरित किए गए।
जयंत चौधरी ने कहा कि अनोखा कार्यक्रम पहली बार बिजनौर में तरह का हुआ है। यह एक प्रयास हुआ है, साढ़े हजार बड़ी संख्या है देश की 50 बड़ी कंपनियों और उन्होंने आकर यहां पर अवलोकन किया ऑफर दिये, इंटरव्यू किये । कुछ आभियार्थी को नौकरी नहीं मिली मैं उनके लिए कहना चाहूंगा कि वह ऊर्जा वान है, काबिल हैं ,उनके अंदर क्षमता है, वह अपने आप को और बेहतर तैयार करे।
कहा कि उन्होंने युवाओं को रोजगार से पहले 40 घंटे का प्रशिक्षण दिलाया। इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। कहा कि बिजनौर में जाब रेडीनेस प्रोग्राम में 13 हजार से अधिक युवाओं ने पंजीकरण कराया और तीन हजार से अधिक युवाओं को रोजगार मिला है। जो युवा आज जाब आफर लैटर लेकर नहीं जा रहे उन्हेंं निराश होने की जरूरत नहीं है। विभाग उनके संपर्क में रहेगा और संवाद करता रहेगा। अगली बार उन्हें भी कामयाबी जरूर मिलेगी।
जयन्त ने कहा कि ग्रामीण प्रतिभा सामने आएगी तो गांवों से जातिवाद खत्म होगा। कहा कि देश के एक हजार आईटीआई को सुधारने पर काम किया जा रहा है। 2014 से पहले देश का शिक्षा बजट 68 हजार करोड़ था जो अब बढ़ाकर 1.30 लाख करोड़ किया गया है।