मेरठ, 01 मार्च (प्र)। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर में महिलाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए आज स्वावलंबी महिला उद्यमिता केंद्र की सौगात मिली। केंद्र पर परिसर और कॉलेजों की छात्राओं को स्वालंबी बनाने का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। यह केंद्र कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय का पायलट प्रोजेक्ट है, जो कि विश्वविद्यालय में चलेगा। योजना का लोकार्पण करने के लिए सीसीएसयू के नेताजी सुभाष चंद्रबोस प्रेक्षागृह में पहुंचे केंद्रीय राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने केंद्र का लोकार्पण कर विश्वविद्यालय के साथ एमओयू साइन किया। जयंत चौधरी ने सभी को संबोधित करते हुए कहा की भाषा शत्रुता का हथियार नहीं मित्रता का माध्यम होना चाहिए।
कैंपस में छात्रों को विभिन्न क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण देने के लिए नेशनल स्किल डवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनएसडीसी) एकेडमी भी शुरू होगी। महिलाओं को प्रशिक्षित करते हुए उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का यह केंद्र उत्तर क्षेत्र का मुख्य केंद्र होगा। उत्तर प्रदेश में सीसीएसयू एवं बीएचयू में स्वावलंबी महिला उद्यमिता कार्यक्रम शुरू होने हैं। जयंती चौधरी ने सीसीएसयू में भौतिक रूप से जबकि उक्त अन्य केंद्रों पर वर्चुअल मोड में लोकार्पण किया।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन द्वारा हिंदी भाषा का विरोध करने पर जयंत चौधरी ने कहा कि अगर कोई हिंदी सीखना चाहता है तो उस पर किसी प्रकार का दबाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि योजना के तहत 600 महिलाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। सीसीएसयू में डेढ़ सौ महिलाओं का इस योजना के लिए चयन होगा।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी, पूर्व सांसद राजेंद्र अग्रवाल, बागपत सांसद डॉ. राजकुमार सांगवान, एमएलसी डॉ. धर्मेद्र भारद्वाज, सिवालखास विधायक गुलाम मोहम्मद, सीसीएसयू की कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला आदि समेत अन्य मौजदू रहे।