प्रदेश की पूर्व सीएम सपा प्रमुख अखिलेश यादव कह रहे हैं कि मिलकर लड़ेंगे 2027 का विधानसभा चुनाव। दूसरी तरफ बसपा सुप्रीमो मायावती कह रही हैं कि ईमानदारी से हो जातिगत जनगणना का काम। बीते दिनों लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी का एक बयान आया कि निजी क्षेत्रों में हो आरक्षण की व्यवस्था। वर्तमान में हर वर्ग आरक्षण की मांग कर रहा है लेकिन जो भी हो देश प्रदेश के इन नेताओं द्वारा जो मांग की गई उसमें किसी को कोई ऐतराज नहीं है लेकिन यूपी में बिजली की दरें ग्रामीण क्षेत्रों में 45 और शहरी क्षेत्रों में 40 फीसदी बढ़ने की चर्चा है जिसके बाद प्रति यूनिट बिजली की दर फिक्स चार्ज विद्युत दर व अन्य शुल्कों को मिलाकर 12 से 13 रूपये प्रति यूनिट हो सकती है। यह बढ़ोत्तरी नागरिकों के लिए कष्टदायक होगी और उस पर जो आर्थिक मार पड़ेगी वो आसानी से झेल पाना संभव नहीं है। दूसरी तरफ आए दिन लाख दावों के बावजूद महिलाओं से छेड़छाड़ रेप और उनकी होने वाली हत्या और छात्राएं स्कूल जाना छोड़ रही है तो कई परिवार अपना घर बदल रहे हैं। उसके बावजूद समाचार पत्रों में ऐसी घटनाओं का मिलना और हर बच्चे को साक्षर बनाने के अभियान में कॉलेज और स्कूल संचालक अभिभावकों का उत्पीड़न कर रहे हैं उससे चर्चा अनुसार सही काम करने के लिए सरकारी कार्यालयों में बड़ा हर्जाना मांगे जाने के अलावा मुख्यमंत्री पोर्टल पर आई शिकायतों का विभागों द्वारा गलत निस्तारण और फर्जी रिपोर्ट भेजने के कार्य हो रहे हैं जो आम आदमी के लिए कष्टदायक बन रहे हैं।
ऐसा भी नहीं है कि सरकार इन कमियों को रोकने के लिए प्रयास ना कर रही हो लेकिन अधिकारी जो आंकड़े भेजते हैं उनको मानकर चलने से जो यह अव्यवस्था चल रही है उस पर विपक्ष के नेता क्यों नहीं बोल रहे यह विषय सोचने का है। मेरा मानना है कि विपक्ष मिलकर चुनाव लड़े। पिछली बार इससे अच्छे परिणाम आए थे। विपक्ष मजबूत हुआ था लेकिन वोट तो मतदाता को देना है। अखिलेश जी आप अकेले लड़ें या मिलकर जब तक जनहित के मुददे आप नहीं उठाएंगे तब तक विधानसभा चुनाव में वोट मिलना संभव नहीं है क्योंकि जनता परेशान है। अगर सरकारी योजनाओं को लागू करने के लिए आप आवाज नहीं उठाएंगे तो जनता के लिए दोनों एक जैसे हो गए और यह सभी जानते हैं कि मोदी और योगी का मेजिक आज भी चल रहा है। लोकसभा चुनाव में परिणाम सत्ताधारी दल के पक्ष में आया क्योंकि विपक्ष जनहित के मुददे उठाने की कोशिश नहीं कर रहा। विपक्षी दल हर जिले में एक समीक्षा अध्यक्ष बनाए जो समाचार पत्रों का अवलोकन कर जनविरोधी खबरों को सोशल मीडिया के माध्यम से अपने दल के मुख्यालय को भेजे और वहां पदाधिकारी उनकी समीक्षा कर अपने नेता को बताए और वो इसे लेकर बात करे तो विपक्ष और मजबूत हो सकता है।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
हर जिले में हो समीक्षा अध्यक्ष! अखिलेश जी विपक्ष मिलकर लड़े या अलग वोट जनता देगी फालतू विषय छोड़कर जनहित के मुददे उठाए
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