सपा सरकार में शिवपाल यादव और बाद में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के करीबी कहलाने वाले नेता से संत बने आचार्य प्रमोद कृष्णम लगता है अब जल्द ही कांग्रेस को भी बाय बाय कह सकते हैं। यह काम मुरादाबाद के अपने आश्रम में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पूर्व ही अगर वो कर गुजरे तो कोई बड़ी बात नहीं होगी।
क्योंकि कुछ दिन पूर्व पीएम मोदी को अपने आश्रम में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित करने गए आचार्य प्रमोद कृष्णम से पीएम मोदी ने मुलाकात की और उनके कल्कि धाम में 19 फरवरी को आयोजित शिलान्यास समारोह में आने की बात भी स्वीकार की गई। तब से आचार्य प्रमोद कृष्णम कुछ ज्यादा ही मुखर हो गए हैं। उनका मानना है कि अब इंडिया नाम का कोई गठबंधन नही है। भाजपा शरणम आचार्य प्रमोद कृष्णम के बयानों से यह स्पष्ट हो रहा है कि वो भगवा रंग में अब जल्दी ही रंग जाएंगे। इसके बावजूद उनके द्वारा बीते दिवस यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की गई और उन्हें निमंत्रण पत्र दिया गया। अब क्योंकि प्रधानमंत्री का आना पक्का है इसलिए सीएम भी आ जाए तो कोई बड़ी बात नहीं है। शिलान्यास समारोह होना और उसमें पीएम का आना ठीक है लेकिन अब वो जिस प्रकार से कांग्रेस नेताओं पर व्यंग्य करते हुए कह रहे हैं कि पीएम मोदी चार दिन में मिल गए राहुल गांधी एक साल में नहीं मिल पाए। इसी के साथ उनके द्वारा कहा जा रहा है कि अखिलेश यादव चाहते हैं कि तीसरी बार भाजपा की सरकार बने।
खैर जो भी हो पूर्व में कल्किधाम संभल क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़कर पराजित हो चुके आचार्य प्रमोद कृष्णम की जानकारों के अनुसार लोकसभा या राज्यसभा में पहुंचने की हमेशा प्रबल इच्छा रही है इसलिए वो यूपी में जब जब जिसकी सरकार रही ज्यादातर उसके समर्थन में बोले भी और कुछ प्रमुख नेताओं के संपर्क में भी रहे। बीच में एक बार कल्किधाम में कुछ कार्य प्रशासनिक अड़ंगेबाजी के चलते रूक गए थे अब जानकारों का कहना है कि अब सब पूरे हो जाएंगे और पीएम मोदी ने चाहा तो वो लोकसभा या राज्यसभा भी पहुंच जाएंगे। बताते चलें कि आचार्य प्रमोद कृष्णम हमेशा सक्रिय और कुछ ना कुछ जनहित का करने में अग्रण्ीा नजर आए लेकिन उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा भी किसी से छिपी नहीं थी। शायद इसीलिए यूपी का कोई जिला ऐसा नहीं होगा जहां के प्रमुख नागरिक उनके सानिध्य और संपर्क में ना हो। इसीलिए वो प्रदेश सहित देश के जिलों का दौरा भी ज्यादातर करते रहे हैं जिससे एक तो कल्किधाम की प्रसिद्धि बढ़े और दूसरे भक्तों की संख्या। आचार्य प्रमोद कृष्णम का पीएम व सीएम को न्यौता देना गलत नहीं है। हर व्यक्ति चाहता है कि उसके यहां देश की प्रमुख हस्तियां आएं मगर कांग्र्रेस अगर छोड़नी है तो छोड़ें लेकिन इसके नेताओं की आचार्य प्रमोद कृष्णम द्वारा आलोचना किया जाना कुछ ठीक सा नहीं लगता है। आचार्य प्रमोद कृष्णम जी कल्किधाम का शिलान्यास समारोह भव्य होगा। आपने तमाम लोगों को निमंत्रण भेजे हैं मुझे लगता है कि ज्यादातर शामिल भी होंगे। आप भी भगवान राम का गुणगान करते हुए भले ही भगवा रंग में रंग जाएं मगर पुरानों के बारे में अगर कुछ ना ही कहंे तो अच्छा है।
चर्चा है शिलान्यास से पहले या बाद में भाजपा में शामिल हो सकते हैं आचार्य प्रमोद कृष्णम
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