पूर्व केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री डॉ संजीव बालियान द्वारा बीते दिनों एनएच 58 स्थित एक रिसोर्ट में पश्चिम प्रदेश निर्माण संयुक्त मोर्चा के सेमिनार जिसकी अध्यक्षता भगत सिंह वर्मा द्वारा की गई में कहा कि प्रदेश बटे तो पश्चिम में होगा किसानों का राज। सेमिनार में पहुंचे बागपत सांसद डॉ. राजकुमार सांगवान ने भी खबर के अनुसार अलग प्रदेश की मांग का समर्थन किया। और कहा कि रालोद हमेशा से छोटे राज्यों का पक्षधर रहा है। इस अवसर पर कई नामचीन वक्ताओं और नेताओं ने कहा कि मोर्चा पिछले 35 सालों से विभाजन की मांग कर रहा है। इस मौके पर बालियान ने यह भी कहा कि मायावती ने उत्तर प्रदेश के बंटवारे को लेकर विधानसभा में विधेयक पास किया था लेकिन जाति धर्म को लेकर बंटवारे की बात ठंडे बस्ते में डाल दी गई। लोकसभा चुनाव से पहले भी मैंने यह मांग उठाई थी जो अभी भी जारी है। उप्र को चार भागों में बांटने के लिए आयोजित सेमिनार का संचालन सुधीर चौधरी द्वारा किया गया।
उप्र सरकार के पूर्व मंत्री और किठौर से सपा विधायक शाहिद मंजूर ने इसे सेमिनार को लेकर अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार नहीं चाहती वेस्ट यूपी अलग राज्य बने। संजीव बालियान जब मंत्री रहे तब यह मांग पूरी होनी थी। उन्होंने कहा कि पश्चिमी यूपी अलग राज्य बने यह जरूरी है। विधायक शाहिद मंजूर का कहना था कि यह मांग 1986 से चली आ रही है। इसे लेकर कई बार आंदोलन भी हुए। दिल्ली के पूर्व सीएम चौधरी ब्रहमप्रकाश, गवर्नर रहे वीरेंद्र वर्मा भी इसके समर्थन में थे।
दूसरी तरफ बताते हैं कि मोदीनगर से पूर्व विधायक सोहनवीर सिंह द्वारा इसे लेकर एक आंदोलन चलाया गया था तब हरित प्रदेश निर्माण समिति का गठन किया गया था जिसके अध्यक्ष सोहनवीर सिंह और महामंत्री उद्योगपति समाजसेवी सुरेंद्र प्रताप भटटे वाले थे और इसके कार्यालय का उदघाटन भी बच्चा पार्क लोहिया संस्थान में चौधरी अजित सिंह द्वारा किया गयाथा। वर्तमान में पूर्व मंत्री रहे डॉ. मेराजुददीन की अध्यक्षता में हरित प्रदेश निर्माण समिति जिसके वरिष्ठ उपाध्यक्ष कांग्रेस नेता चौधरी यशपाल सिंह, संयोजक मनीष प्रताप और महामंत्री सरदार डॉ. कमेंद्र सिंह है उसके द्वारा हरित प्रदेश के लिए संघर्ष किया जा रहा है। मेरा मानना है कि हरित प्रदेश हो या यूपी का विभाजन जो लोग इसे लेकर आवाज उठा रहे हैं अगर सही मायनों में वो चाहते हैं कि पश्चिमी उप्र का किसान व्यापारी और जनता खुशहाल हो तो हरित प्रदेश निर्माण समिति के बैनर पर या अन्य संस्था या सामूहिक रूप से बने संगठन के बैनर पर प्रदेश विभाजन की मांग अगर की जाए तो इस समय कांग्रेस भाजपाई सपाई और रालोद नेता भी चाहते हैं कि ऐसा हो तो वो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के रास्ते पर चलते हुए सरकार के सामने यह मुददे उठाए तो कहा जा सकता है कि इससे जुड़े लोग माहौल तैयार कर सकते हैं।
मैं तो हमेशा इस बात का समर्थक रहा हूं कि पूर्व पीएम स्व. चौधरी चरण सिंह के जमाने से जनसमस्याओं के समाधान के लिए संघर्ष करते चले आ रहे अब बागपत के सांसद बने डॉ. राजकुमार सांगवान हरित प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
डॉ. राजकुमार सांगवान हरित प्रदेश के मुख्यमंत्री बने यह भी चर्चा चलती रही है, व्यापारी किसान और आम आदमी खुशहाल रहे इसके लिए प्रदेश का हो विभाजन, हरित प्रदेश निर्माण समिति से मिलकर करे प्रयास
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