Date: 18/10/2024, Time:

बदरीनाथ धाम में अलकनंदा का जलस्तर बढ़ा, खतरे का निशान पार कर मंदिर के पास तप्तकुंड तक पहुंचा पानी

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देहरादून/चमोली 03 जुलाई। उत्तराखंड में मानसून का प्रकोप नजर आने लगा है। मूसलाधार बारिश के कारण बद्रीनाथ धाम में अलकनंदा नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। ऊपरी इलाकों में हुई बारिश के कारण दोपहर बाद नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया। जिसके चलते अलकनंदा तप्तकुंड से मात्र 6 फीट नीचे बह रही थी। तप्तकुंड तक अलकनंदा के जलस्तर पहुंचने के आशंका को देखते हुए पुलिस ने मुनादी कर लोगों को सतर्क किया है। पुलिस ने तप्तकुंड को भी खाली करवा दिया है। रात में नदी का जलस्तर और बढ़ने की आशंका है।

बद्रीनाथ धाम में अलकनंदा नदी का जलस्तर आज दोपहर बाद से लगातार बढ़ रहा है। ऊपरी क्षेत्रों में हो रही बारिश के कारण नदी का जलस्तर धाम के तप्तकुंड से मात्र 6 फीट नीचे रह गया है। जबकि सामान्य दिनों में अलकनंदा तप्तकुंड से लगभग 15 फीट नीचे बहती है। अलकनंदा का रौद्र रूप देखते हुए पुलिस ने पूरे धाम में यात्रियों और स्थानीय लोगों को मुनादी कर अलर्ट कर दिया है। इसके साथ ही तप्तकुंड को भी तत्काल खाली कराया गया, ताकि जल कर बढ़ाने पर किसी तरह की अनहोनी ना हो।

अलकनंदा के रौद्र रूप के कारण नारद शिला और वाराही शिला भी पानी में डूब गए। बद्रीनाथ कोतवाली प्रभारी नवनीत भंडारी के अनुसार धाम में नदी का जलस्तर ज्यादा हो गया है। रात में पानी और बढ़ने की आशंका को देखते हुए तप्तकुंड को खाली कराया गया है। इसके साथ ही धाम में लगातार माइक से अनाउंसमेंट भी किया जा रहा है कि कोई भी नदी के किनारे ना जाएं।

वहीं अलकनंदा नदी का जलस्तर बढ़ने से बद्रीनाथ धाम में मास्टर प्लान के तहत हो रहे कार्यों के लिए बनाया गया वैकल्पिक मार्ग भी बह गया है। जिसके चलते यहां रिवर फ्रंट का कार्य ठप हो गया है। यहां पर कंपनी की कुछ मशीन भी फांसी हुई है। कार्यदाई संस्था की ओर से वैकल्पिक मार्ग तैयार किया जा रहा है। जिससे यहां पर रिवर फ्रंट का कार्य शुरू हो सके। अभी मानसून की शुरुआत ही हुई है लेकिन शुरुआती दौर में ही जगह-जगह बारिश के कारण नुकसान हो रहा है।

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