यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार के विस्तार की पिछले लगभग एक साल से जारी चर्चा अब पूरी होती नजर आ रही है। क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए दूसरे दलों से टूटकर आए लोगों और सहयोगी दलों के विधायकों को मंत्रिमंडल में शिमल कर भाजपा उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने हेतु विस्तार अब एक दो दिन में ही होना माना जा रहा है क्योंकि जानकारों का कहना है कि दस मार्च के बाद कभी भी आचार संहिता लग सकती है। इस विस्तार की उम्मीद इससे भी बंधती है कि गत दिवस सीएम योगी भाजपा प्रदेशाध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह और डिप्टी सीएम केशवप्रसाद मौर्य आदि द्वारा केंद्रीय नेताओं से दिल्ली में मुलाकात की गई और वहां से आने के बाद सीएम ने राज्यपाल से मुलाकात की। बताते हैं कि आज राज्यपाल आनंदीबेन पटेल लखनऊ में नहीं है। रविवार को उनके वहां मौजूद रहने की उम्मीद है। उसके बाद उनका सोमवार मंगलवार को आगरा मथुरा का दौरा प्रस्तावित है। इसलिए यह भी समझा जा रहा है कि यह विस्तार रविवार को भी संभव हो सकता है। अगर विस्तार होता है तो जानकारों के अनुसार वर्तमान मंत्रिमंडल के कुछ मंत्रियों के विभाग बदले जा सकते हैं। तो कुछ नए मंत्री भी भाजपा विधायकों में से शामिल किए जा सकते हैं। यह तो भाजपा का व्यक्तिगत मामला है कि वह अपने किस नेता को मंत्रिमंडल में शिमल करती है या नहीं। मगर पिछले कुछ वर्ष पूर्व भाजपा में शामिल हुए दारा सिंह चौहान और ओमप्रकाश राजभर के दल से किसी एक को मंत्री को स्थान मिलना पक्का है। अब क्योंकि राज्यसभा चुनावों में रालोद द्वारा अपनी निष्ठा सिद्ध की जा चुकी है इसलिए मंत्रिमंडल में इनके विधायकों को शामिल किया जाना पक्का है। चर्चा है कि रालोद के कोटे से सबसे मजबूत नाम विधानसभा में रालोद दल के नेता राजपाल बालियान को तो स्थान मिलना जरूरी है लेकिन अगर दो मंत्रि शामिल किए जाते हैं तो मेरठ के सिवालखास से रालोद विधायक गुलाम मोहम्मद और थाना भवन से विधायक अशरफ अली, प्रदीप चौधरी, चंदन चौधरी, प्रसन्न चौधरी की मंत्री पद पर लॉटरी खुल सकती है। इनमें भी गुलाम मोहम्मद की स्थिति इसलिए मजबूत समझी जा रही है क्योंकि वो रालोद के सिंबल पर सपा नेता के रूप में चुनाव लड़े थे और जब जयंत चौधरी भाजपा के साथ गए तो यह चर्चा थी कि गुलाम मोहम्मद सपा के पाले में चले जाएंगे लेकिन उन्होंने जयंत चौधरी के प्रति आस्था व्यक्त की । परिणामस्वरूप उनकी भी लॉटरी खुल सकती हैं। लेकिन सही बात तो यह है कि ग्रामीण कहावत दुल्हन वही जो पिया मन भाए वो ही सही माना जा सकता है इसलिए रालोद और भाजपा से वहीं विधायक मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं जिन्हें जयंत चौधरी और सीएम योगी का आशीर्वाद प्राप्त होगा।
कुछ माह पूर्व देश के कुछ राज्यों में हुए चुनावों में जिस प्रकार से पीएम मोदी की सलाह से मुख्यमंत्री के रूप में नए चेहरे लाए गए और और मजबूत पुराने दावेदार नेता चुप लगा गए उसे देखते हुए यह पक्का है कि जो शामिल होगा वो भी और जो नहीं शामिल होगा वो भी योगी के निर्णय के विरूद्ध जुबान कोई नहीं खोलेगा। लेकिन एक चर्चा विशेष है कि राज्यसभा चुनाव में मेरठ के ठाकुर विजयपाल सिंह और कांता कर्दम का टिकट काटा गया उसकी भरपाई के लिए इस जनपद से ब्राहमण और वैश्य किसी एक विधायक को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। चर्चा है कि अगर ऐसा होता है तो एमएलसी धमेंद्र भारद्वाज और कैंट विधायक अमित अग्रवाल को मंत्रिमंडल में मिल सकता है स्थान।
यूपी मंत्रिमंडल विस्तार का इंतजार होगा समाप्त, राजभर व दारासिंह के अलावा रालोद के राजपाल बालियान व गुलाम मोहम्मद की खुल सकती है लॉटरी, अमित और भारद्वाज भी हो सकते हैं शामिल
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