धार्मिक आस्था एक ऐसा मुददा है जिसे किसी भी रूप में कोई भी नजरंअदाज नहीं कर सकता। इसलिए धार्मिक स्थल चाहे किसी भी संप्रदाय या जाति से संबंध हो जब उससे जुड़ी बात सामने आती है तो हर सोच वाले लोग एक साथ उठ खड़े होते हैं। इसलिए सरकार हो या समाज उसे नजर अंदाज करने की सोच नहीं सकता। लेकिन इसको लेकर जब चर्चाएं चलती हैं तो सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनी रहे इसके लिए सबकुछ छोड़कर इस काम में लगी एजेंसियों व प्रशासनिक अधिकारियों को व्यवस्था बनाने में ज्यादा ध्यान देना पड़ता है। ऐसे में कभी कभी जो जरूरी कार्य जनहित और विकास से संबंध है वो भी प्रभावित होते हैं इस बात से कोई भी इनकार नहीं कर सकता। फिलहाल हम बात करें संभल में पिछले दिनों हुई हिंसा की। उसके बाद सर्च अभियान में खग्गूसराय में 46 साल से बंद कीर्तिकेश्वर महादेव मंदिर और कुंए पर अतिक्रमण मिला। अभी यह मुददा हम भूले भी नहीं थे कि संभल में सरायतरीन मुहल्ला के कायस्थान में राधा कृष्ण मंदिर का पता चला जिसका ताला खुलवाया गया। मंदिर का निर्माण 1982 में कराया गया था। इस मंदिर में राधा कृष्ण के साथ हनुमान जी की प्रतिमा भी विराजमान है। चर्चा है कि 1992 से यह मंदिर बंद है। फिलहाल यहा भजन कीर्तन और पूजा पाठ शुरू हो गया है। वाराणसी के मदनपुरा में बंद मंदिर में पूजा पाठ कराने के लिए हिंदू संगठनों से जुड़ी महिलाओं ने शंखनाद किया और सनातन रक्षक दल के कार्यकर्ता मंदिर खुलवाने पहुंच गए। सोशल मीडिया पर बीते सोमवार को मकान नंबर बी 31/65 गोल चबूतरा के पास मंदिर बंद होने की सूचना मिली और भीड़ इकटठा होने लगी। इसलिए यह मुददा किसी एक मामले या जगह का नहीं कह सकते। पहले भी देशभर के गली मोहल्लों में वहां के निवासियों द्वारा धार्मिक स्थान बनाए जाते थे। वक्त बदलता रहा तो जो मंदिर मिल रहे हैं उनसे यह लगता है कि शायद कुछ और धार्मिक स्थल भी हो सकते हैं। यह भी पक्का है कि अब कहीं भी हो कोई भी धार्मिक स्थान छिपाए नहीं छिप सकता। इस बात को ध्यान में रखते हुए मुझे लगता है कि जनहित में कानून व्यवस्था बनी रहे और सरकार पर किसी को अंगुली उठाने का मौका भी ना मिले और सभी कार्य चल सकें इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को प्रदेश सरकारों के सहयोग से वृहद स्तर पर एक सर्वे कराना चाहिए और उसमें थाना स्तर पर नागरिकों को लगाकर यह दिखवाया जाए कि कोई ऐसा धार्मिक स्थल तो नहीं है जिस पर किसी ने कब्जा कर लिया हो या जबरदस्ती ताले लगा दिए हो। इसमें जितने भी स्थल मिले उनका उद्धार एक साथ करा दिया जाए। जिससे आम आदमी भी इनको लेकर उत्पन्न होने वाले तनाव और संभावनाओं से मुक्त होकर अपना काम कर सके। सरकार की छवि व्यवस्था कायम करने वाली हो तथा प्रशासन व सुरक्षा एजेंसियां भी ऐसे मामलों में उलझने के बजाय अपने कार्य निपटाने में भूमिका निभाए। क्योंकि अब आम आदमी समस्याओं में इतना घिरा है कि वो कोई भी ऐसा विवाद झेलने को तैयार नहीं है जिससे उसका परिवार या काम प्रभावित होता हो।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
केंद्रीय गृहमंत्रालय राज्य सरकार के सहयोग से धार्मिक स्थलों की खोज के लिए थाना स्तर पर कराए सर्वे
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