समाज में तलाक की बढ़ती व्यवस्था कुछ लोगों के लिए काफी कष्टदायक होती है तो कुछ लोग इससे राहत महसूस करते हैं। लेकिन वैवाहिक जीवन बीच में टूट जाना कोई भी सही नहीं कह सकता। ऐसे ही एक मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उनकी पत्नी पायल अब्दुल्ला के बीच चल रहे तलाक के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा गया कि उमर और पायल अब्दुल्ला साथ बैठकर अपने वैवाहिक जीवन के विवाद सुलझाने के प्रयास करे। शीर्ष अदालत का यह निर्देश मेरी निगाह में समाज के लिए बहुत अच्छा संदेश कह सकते हैं क्योंकि हमेशा कहा जाता है कि या तो सरकार कोई नियम बनाएं अथवा उपर से कोई व्यवस्था चले तो समाज उसे आधार मानकर अपनाने लगता है। इसलिए अगर उमर अब्दुल्ला और पायल अब्दुल्ला साथ बैठकर तलाक के मामले पर फैसला करते हैं तो युवा पीढ़ी और ऐसे जोड़ों के अभिभावक जो तलाक के लिए प्रयासरत रहते हैं ऐसे मामले को नजीर मानकर अपने बच्चों के भविष्य और तलाक में होने वाली समय की बर्बादी को रोक सकते हैं। इसलिए मुझे लगता है कि उच्च न्यायालय के इस संदेश को उमर अब्दुल्ला आत्मसात कर फैसला ले तो वो एक ऐसे प्रदेश के मुखिया है जो देश की जान कहा जाता है। उनके निर्णय से हर कौम में अच्छा संदेश जाएगा।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है समाजहित में, उमर अब्दुल्ला पत्नी के साथ विवाद बैठकर सुलझाएं
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