बचपन से एक कहावत सुनते चले आ रहे हैं कि दीवार में हुआ छेद तो भरा जा सकता है लेकिन जबान से निकली बात वापस नहीं हो सकती। और संभलकर बोलना चाहिए क्योंकि इसकी कडवाहट कभी कोई भूलता नहीं है। इस जबान से निकले शब्द कभी बड़ी लड़ाईयां और व्यवस्थाओं को फेल करने में सक्षम हो जाती है। शायद इसलिए जब दो लोग भिड़ते हैं तो एक बात जरूर कहते हैं जबान संभालकर बात करे। मगर हम हैं कि समझते ही नहीं है। बीते दिवस पीलीभीत में दस माह से न्याय की गुहार लगा रही एक दुष्कर्म पीड़िता ने जब थानेदार से न्याय दिलाने की बात की तो उसने कहा जा जहर खा ले। तो उसने जहर खा लिया और उसकी मौत हो गई। इससे पूर्व मृतका ने मृत्युपूर्व बयान में कहा कि एसओ ने कार्रवाई नहीं की मेरी जान ले ली। यह तो उस दुष्कर्म पीड़िता का मामला है जिसे न्याय दिलाने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकारें प्रयासरत है और पुलिस अधिकारी भी इस बारे में कार्रवाई करने की बात में पीछे नहीं है। उसके बावजूद एसओ अमरिया बृजवीर सिंह को यह शब्द कहने की हिम्मत आ गई। इस घटना में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट कर दुख जताते हुए पुलिस व भाजपा सरकार पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि अफसरों की बेईमानी में भाजपाईयों की हिस्सेदारी मूल कारण है। घटना की जांच चल रही है। मृतका वापस नहीं लौट सकती यह सत्य है। आए दिन सरकारी कार्यालयों पुलिस थानों में पीड़ितों का थानेदारों से लेकर अफसर व बाबू तक ऐसी भाषा का प्रयोग करते नजर आते है।
सपा प्रमुख ने जो उस बारे में मुझे कुछ नहीं कहना लेकिन यह जरूर सोचता हूं कि आखिर इस प्रकार की तानाकसी और क्रूरता पूर्ण शब्दों का शिकार लोग कब तक बनते रहेंगे। सीओ दीपक चतुर्वेदी जांच कर रहे है। मुझे लगता है कि एसओ को समय से सेवानिवृति देनी चाहिए और अन्यों को चेतावनी देनी चाहिए कि किसी भी नागरिक के साथ दुव्यर्वहार कर उसे अपमानित किया गया तो करने वाले की नौकरी समाप्त की जाएगी और पीड़ित को दोषी की अचल चल संपत्ति से दिलाया जाएगा मुआवजा। क्योंकि संविधान में सबके लिए नियम कानून समान बनाए गए है। तो फिर उच्च पद पर विराजमान व्यक्ति को यह अधिकार कैसे मिल जाता है कि वह गरीब कमजोर पीड़ित व्यक्ति का अपमान करने की कोशिश करे।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
जा खा ले जहर कहकर महिला को उकसाने वाले थानेदार को किया जाए समय से पहले सेवानिवृत अचल चल संपत्ति से दिलाया जाए 50 लाख का मुआवजा
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