लखनऊ 13 सितंबर। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के एक बयान पर संतों और धर्माचार्यों ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने गुरुवार को लखनऊ में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा था कि मठाधीश और माफिया में कोई ज्यादा फर्क नहीं होता। सुल्तानपुर डकैती कांड के आरोपी मंगेश यादव के एनकाउंटर का जिक्र करते हुए सपा मुखिया ने यह भी कहा कि भाजपा सरकार ने उत्तर प्रदेश को फर्जी एनकाउंटर की राजधानी बना दिया है। सपा मुखिया के इस बयान को लेकर संतों-महंतों, मठाधीशों और विद्वत जनों ने सख्त नाराजगी जताई है। उन्होंने इस बयान को सनातन धर्म और हिंदुओं का अपमान बताया है। उन्होंने यह भी मांग की है कि सनातन का अपमान करने के लिए अखिलेश यादव को माफी मांगनी चाहिए। प्रदेश के कई मंत्रियों ने भी सपा मुखिया बयान पर तीखी प्रतिक्रिया जताई है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी ने कहा कि अखिलेश यादव को सनातन धर्म और उसकी परंपराओं पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव पहले मठ परंपरा व उसमें आसीन मठाधीश की योग्यता का ज्ञानार्जन करें,तब उन्हें सच्चाई का पता लगेगा।अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेंद्रनंद सरस्वती ने कहा कि अखिलेश यादव का यह बयान राजनीतिक गिरावट की पराकाष्ठा है। उनका बयान सनातन धर्म और हिंदू धर्माचार्यों से उनकी नफरत को दर्शाता है। राजनीतिक दुष्चरित्र वाले व्यक्तियों को अपना परिवार बताने वाले अखिलेश यादव से अपेक्षा भी क्या की जा सकती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता ऐसे माफियाओं के दलालों को ठीक प्रकार से जानती है और समय आने पर जवाब देगी जरूरत पड़ेगी तो संत समाज अखिलेश यादव के खिलाफ अभियान भी चलाएगा।
मुख्य अर्धक राम जन्मभूमि आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि माफिया और मठाधीश में अखिलेश को फर्क ही नहीं नजर आ रहा। उनका बयान आपत्तिजनक है अखिलेश की मति ही भ्रष्ट हो गई है।
अयोध्या में रसिक उपासना परंपरा की प्रमुख पीठ हनुमत निवास के महंत एवं सनातन संस्कृति के मर्मज्ञ आचार्य मिथिलेश नंदनी शरण ने कहा कि सपा अध्यक्ष का बयान राजनीतिक दिवालियापन का परिचायक है। सत्य तो यह है कि वे ऐसी बातें बोलकर सनातन संस्कृति को अपमानित करने का नया नैरेटिव सेट कर रहे हैं।
काशी में पातालपुरी पीठाधीश्वर महंत बालक दास ने अखिलेश के बयान को ‘विनाश काले विपरीत बुद्धि’ बताया है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव वोट बैंक की घटिया राजनीति के चलते हिंदू संतों को टारगेट करके अपने विनाश को आमंत्रण दे रहे हैं।