महानगर कोई भी हो 2024 में पूरे वर्ष सरकारी सुविधाएं तो नगर निगम और स्थानीय निकायों के अधिकारी उपलब्ध नहीं करा पाएं लेकिन मुंगेरी लाल के हसीन सपने दिखाने में कोई कोर कसर नहीं रखी गई। जहां तक मीडिया में पढ़ने सुनने देखने को मिला तो उससे एक बात साफ हुई कि संबंधित विभाग के अफसर फिजूलखर्ची करने फर्जी बिल पास कराने और साफ सफाई तथा अन्य सुविधाएं उपलबध कराने में असफल रहे। आश्यर्च तो इस बात का रहा कि सीएम द्वारा स्थानीय निकायों के पदाधिकारियों को बुलाकर आश्वासन दिया गया था कि वो जनहित में कार्य कराएं सरकार उनके साथ हैं। उसके बावजूद कई महापौर तो सत्ताधारी दल के होने के बाद भी अपने क्षेत्रों में लापरवाही और भ्रष्टाचार भी जनता के अनुसार नहीं रोक पाए। नागरिकों से बिना सुविधा दिए वसूली करने के नए नए तरीके ढूंढने में विभाग के अफसर अग्रणी भूमिका निभाते रहे ऐसा भुुक्तभोगी नागरिकों का कहना है। खबर है कि अकेले मेरठ नगर निगम क्षेत्र में 142 लाख संपत्तियों पर गृहकर का भार डाले जाने की तैयारी हो चुकी है। 42 हजार संपत्ति मालिकों को नोटिस भी दिए जा चुके हैं।
मजे की बात यह है कि एक खबर के अनुसार नगर निगम मेरठ नागरिकों के अनुसार विभाग के अधिकारी अब सुविधाओं में सुधार लाने हेतु इंदौर नगर निगम क्षेत्र का भ्रमण करेंगे। सवाल यह उठता है कि इस फिजूलखर्ची का क्या औचित्य है। अगर भ्रमण के लिए जाने वाले अफसरों को अपने कार्यक्षेत्र का ज्ञान नहीं है तो उन्हें भ्रमण पर भेजने से अच्छा है कि उनकी सेवाएं समाप्त कर दी जाएं।
मुख्यमंत्री जी अब नए साल में इतना जरूर करा दीजिए कि जो बजट स्थानीय निकायों को सरकार दे रही है उसका लाभ तो विभागीय अधिकारियों की लापरवाही और भ्रष्ट कार्यप्रणाली के चलते नागरिकों को ना मिल पाए इस पर लगाई जाए रोक। अपने कार्य में असफल रहने वाले अफसरों पर जुर्माने लगाए जाए और अदालतों व एनजीटी द्वारा जो जुर्माने लगाए गए हैं उसकी भरपाई अफसरों की व्यक्तिगत संपत्ति से हो तभी सुधार हो सकता है। इसके लिए इंदौर या कहीं और जाने की आवश्यकता नहीं है।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
पूरे साल मुंगेरी लाल के हसीन सपने दिखाते रहे नगर निगम के अफसर, इंदौर भ्रमण पर जाने को तैयार आखिर कितना आर्थिक बोझ डालेगा यह मतदाताओं पर
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