लघु और भाषाई समाचार पत्र संगठन लैगवेज न्यूज पेपर एसोसिएशन इलना की 18 जुलाई को न्यू महाराष्ट्र भवन दिल्ली में होने वाली कार्यकारिणी की बैठक जो कार्यवाहक अध्यक्ष श्री प्रकाश पोहरे द्वारा बुलाई गई है उसके प्रति कार्यकारिणी और सामान्य सदस्यों में भारी उत्साह नजर आ रहा है। और देशभर में फैले प्रमुख भाषाई और लघु समाचार पत्र संचालकों के शामिल होने की जो खबरे मिल रही है उससे यह स्पष्ट हो रहा है कि अब इस वर्ग के अखबार संचालक और संपादक श्री प्रकाश पोहरे और उन्हें अपना पूर्ण समर्थन दे रहे पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील डांग की ओर सबकी नजरें लगी हुई है। सही मायनों में समाचार पत्रों का संचालन इस कठिन दौर में भी करने वाले कई प्रकाशकों का कहना है कि इस दौर में श्री प्रकाश पोहरे और सुनील डांग ही सही जगह प्रयास कर जो समस्याऐं आ रही है उनका समाधान करा सकते है। मीटिंग के संदर्भ में जब सुनील डांग से वार्ता की गई तो उनका कहना था कि वो पूरी तौर पर प्रकाश पोहरे के साथ है क्योंकि इस समय गुटबंदी को बढ़ावा देने की बजाए समाचार पत्र संचालकों की समस्याओं के समाधान की आवश्यकता है।
बताते चले कि श्री सुनील डांग इलना में सभी पदों पर रहते हुए कई साल तक राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे और उन्होंने अखबार मालिकों की समस्याओं के समाधान हेतु मंत्रियों विभागों के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से मिलकर अपने कार्यकाल में काफी काम किया था। एक बार जब समाचारों में एक रूपता के नाम पर मान्यताऐं निरस्त की गई थी तब उस समय की केन्द्रीय सूचना प्रसारण मंत्री सुषमा स्वराज व उस समय के राज्य मंत्री श्री रमेश जी से मिलकर 20 समस्याओं का समाधान एक साथ कराकर एक रिकॉर्ड कायम किया था। और सूचना मंत्री से मिलने वाले प्रतिनिधि मंडल में शामिल डेढ़ दर्जन समाचार पत्र संचालकों में पूर्व अध्यक्ष भी शामिल थे। अपने कार्यकाल में श्री सुनील डांग द्वारा केन्द्रीय सूचना मंत्री पी डी मुंशी सभी से विस्तार से मुलाकात की। और राष्ट्रपति जी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी सोनिया गांधी जी सहित कई केन्द्रीय मंत्रियों आदि को इलना के सम्मेलनों में बुलाया और बड़ी बड़ी सेमीनार भी कराई। जो पिछले पंद्रह साल में ऐसा बड़ा एक भी आयोजन पूर्व अध्यक्ष नहीं करा पाए। और सबसे बड़ी बात जब पंद्रह साल पहले लोकसभा की एनएक्ससी में चुनाव हुए और रवि कुमार बिश्नोई गुट के सभी सदस्य विजयी हुए तथा पूर्व अध्यक्ष को अध्यक्ष बनाया गया था तब सुनील डांग ने सारी पत्रावलियां व बैंक आदि से संबंध कागजात पूर्व अध्यक्ष को एकदम उपलब्ध कराये थे। मगर अब अपने आप इस्तीफा देने के बाद भी संगठन के हित को ध्यान में रखते हुए पूर्व अध्यक्ष द्वारा पत्रावलियां श्री प्रकाश पोहरे को उपलब्ध क्यों नहीं कराई जा रही जबकि एक प्रकार से संगठन को कमजोर और उनके हितों को नजरअंदाज करना ही इसे कहा जा सकता है। मेरा पूर्व अध्यक्ष जी से आग्रह है कि कोई ठोस काम तो वो पूरे कार्यकाल में ऐसा नहीं कर पाए जो सुनील डांग द्वारा कराये गये थे अब इलना के सदस्यों के हित में उन्हें एक अच्छा अवसर प्राप्त हुआ है वो इलना को मजबूत करने हेतु सभी कागजात श्री प्रकाश पोहरे को उपलब्ध कराकर इलना की मजबूती और एकता में अपने कद और सम्मान के अनुसार काम कर सकते है। मेरा प्रकाश पोहरे जी से भी आग्रह है कि जो पूर्व सदस्य व पदाधिकारी किन्हीं कारणों से नाराज है 18 की बैठक से पूर्व संभव हो सके तो उनसे वार्ता कर उनकी नाराजगी भी दूर करे और जो देवेन्द्र तोमर जैसे जो लोग पूर्व में अच्छा काम करते रहे है उन्हें साथ लेकर चलने का प्रयास किया जाना चाहिए।
रवि कुमार बिश्नोई पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री इलना