बहराइच 05 अगस्त। यूपी के बहराइच जिले से हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। जिससे एक शख्स प्यार करता था, उसी का सिर काट कर उसने नहर में फेंक दिया, शरीर के बाकी हिस्से को यानी सिर कटे धड़ को झाड़ियों में फेंक फरार हो गया। बाद में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। ये मामला वाकई हैरान करता है।
घटना बहराइच जिले के थाना रूपेडिहा क्षेत्र में जमोग गांव की है। यहां अपने मामा हशमत अली के यहां 20 साल की उनकी भांजी शीबा रहती थी। वो शुरू से ही मामा-मामी के घर पर रही और उन्होंने ही उसे पाल पोस कर बड़ा किया। मगर एक दिन वो अचानक गायब हो गई। मामा-मामी ने उसे खूब तलाशा, लेकिन उसका कहीं भी कुछ पता नहीं चला। परेशान होकर उन्होंने 22 जुलाई को थाना रूपेडीहा में शिकायत दर्ज कराई। हशमत अली ने पुलिस को खुल कर कई बातें बताईं। दरअसल, जमोग गांव के बगल वाले गांव में अरुण नाम का एक युवक रहता था। शीबा और अरुण एक ही स्कूल में साथ पढ़ते थे। जब शीबा 8वीं क्लास में थी तो अरुण उससे दो साल आगे 10वीं क्लास में पढ़ता था। दोनों में पहले पक्की दोस्ती थी जो धीरे-धीरे प्यार में बदल गई। मगर शीबा और अरुण अलग-अलग समुदाय से ताल्लुक रखते थे। और आखिर में यही फर्क दोनों के बीच दरार की सबसे बड़ी वजह बना।
शीबा के मामा-मामी से पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला कि शीबा जनपद श्रावस्ती के थाना मल्हीपुर क्षेत्र में मल्हीपुर खुर्द गांव के रहने वाले अरुण सैनी नाम के लड़के से फोन पर बात करती थी। उसके परिजनों ने बताया कि हमने उसे ऐसा करने से मना भी किया था, लेकिन शीबा नहीं मानी। एक बार उन्होंने शीबा और अरुण को एक साथ देख लिया था, जिसके बाद उसकी पिटाई भी कर दी थी। पुलिस को शुरुआत में लगा कि ये प्यार-मोहब्बत का मामला है, लड़की खुद से भागी है, लिहाजा ज्यादा टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। इस दौरान एक दिन बीत गया, लेकिन शीबा का इसके बाद भी कुछ अता पता नहीं चला।
इस बीच 23 जुलाई को उस वक्त पुलिस के होश उड़ गए, जब उन्हें थाना नानपारा कोतवाली अंतर्गत नानपारा रूपेडिहा मार्ग पर हांडा बसेहरी गांव के पास झाड़ियों में एक युवती की सिर कटी लाश मिली। शव का हाथ भी कटा हुआ था। ऐसे में पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती ये पता लगाने की थी कि आखिर ये लड़की कौन है, जिसकी हत्या हुई है।
एसपी वृंदा शुक्ला ने इस मामले के खुलासे के लिए ट्रेनी पुलिस क्षेत्राधिकारी हर्षिता तिवारी के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया था। इसके बाद इस जांच टीम ने अपनी कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए पिछले कुछ दिनों के दौरान गुमशुदा लड़कियों की जानकारी ली, लेकिन पुलिस को कामयाबी नहीं मिल सकी। पुलिस ने वापस अपनी तफ्तीश उसी लाश के सहारे शुरू की। पुलिस ने पाया कि लावारिस हालत में मिली लाश के पैर में एक धागा बंधा हुआ था। पुलिस ने आसपास के थानों से गुमशुदा लड़कियों के बारे में जानकारी हासिल की। फाइलें खंगालते हुए पुलिस की नजर 22 जुलाई को हुई कंपलेंट पर गई। पुलिस ने जब शिकायत को ध्यान से पढ़ा तो उसमें ये लिखा था कि शीबा के दाहिने पैर में काले रंग का धागा बंधा हुआ था। पुलिस ने जो शव बरामद किया, उसके भी दाहिने पैर में काला धागा बंधा था। ऐसे में पुलिस को शक हुआ कि हो न हो ये लाश शीबा की हो सकती है। पुलिस ने शीबा के मामा-मामी को शिनाख्त के लिए मॉर्चुरी बुला लिया। यहां पहुंचे शीबा के परिजनों ने आखिरकार युवती की पहचान कर ली।