Date: 23/12/2024, Time:

साल का अंतिम चन्द्रग्रहण आज, 4 घंटे 5 मिनट तक है कुल अवधि

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नई दिल्ली 18 सितंबर। साल 2024 का अंतिम चंद्र ग्रहण आज 18 सितंबर को सुबह 6 बजकर 12 मिनट पर लगा है. यह एक आंशिक चंद्र ग्रहण है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चंद्र ग्रहण पूर्णिमा तिथि को लगा है. आज चंद्र ग्रहण के दिन भाद्रपद की पूर्णिमा तिथि है. आज चंद्रमा मीन राशि में हैं, इसलिए यह चंद्र ग्रहण मीन राशि में लगा है. मीन राशि पाप ग्रह राहु और चंद्रमा की युति भी हुई है. इसका प्रभाव सभी 12 राशियों पर भी है. कुछ राशियों पर इसका अशुभ प्रभाव होगा, जबकि कुछ को लाभ होने की उम्मीद है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि चंद्र ग्रहण का समापन कब है? इसका सूतक काल कब खत्म होगा.

वैसे तो विज्ञान और अंतरिक्ष में घटित होने वाली खगोलीय घटनाएं हर किसी को रोमांचकारी अनुभव का एहसास भी कराती हैं. अगर 18 सितंबर हो होने वाले उपच्छया चंद्र ग्रहण की बात करें तो 18 सितंबर की रात में होने वाले चंद ग्रहण को (सुपर फुल मून) कहा जाएगा. यह सब खगोलीय घटनाओं का ही परिणाम है. 18 सितंबर को होने वाला उपछाया चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. क्योंकि इस समय भारत में सुबह का समय हो रहा होगा. इस कारण से इसे देख पाना मुश्किल होगा. जबकि इस ग्रहण का प्रारम्भ समय भारतीय समयानुसार सुबह प्रातः 6 बजकर 11 मिनट से आंशिक ग्रहण की समाप्ति 10 बजकर 17 मिनट पर होगा. जिस समय सूर्य के कारण दिन का समय हो चुका होगा. जिससे इसे देख पाना मुश्किल होगा. जब चंद्रमा और सूर्य के बीच में पृथ्वी आ जाती है तब चंद्र ग्रहण की घटना होती है. जिस वजह से चंद्रमा की सतह पर पृथ्वी की जैसी छाया पड़ती है. वैसी ही स्थिति के कारण ग्रहण लगते हैं जैसे कि पूर्ण, आंशिक, एवम उपछाया चंद्र ग्रहण.

18 सितंबर को होने बाला चंद्र ग्रहण यूरोप, अफ्रीका, अमेरिका आदि देशों में दिखाई देगा. यह भारत में दिखाई नहीं देगा, लेकिन निराश न हों. शाम को पूर्वी आकाश में चन्द्रमा उदित होगा तब भारत में एक खूबसूरत नजारा दिखाई देगा. जिसे सुपर मून या फूल मून कहा जाएगा. इस दौरान पृथ्वी से चन्द्रमा की दूरी 3 लाख 57 हजार 286 किलोमीटर होगी जो कि अपने कक्षा तल में नजदीकी बिंदु पर होगा.

इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल नहीं है. इस कारण यह है कि यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकता है. जो ग्रहण अपने अपने देश में दृश्य होता है, उसका ही सूतक काल मान्य होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले और सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले प्रारंभ होता है.

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