Date: 22/12/2024, Time:

एक लाख डॉलर की बीमित राशि नहीं दी अब चुकाना होगा 85 लाख रुपये हर्जाना

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लखनऊ 04 जून। अमेरिका जाने से पहले कानपुर के दंपती दिनेश प्रकाश और मीरा गुप्ता ने केयर हेल्थ इंश्योरेंस से एक लाख डॉलर का बीमा कराया था। वहां पत्नी की अचानक ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई। बीमित राशि का भुगतान न करने पर दिनेश प्रकाश ने राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील की।

आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अशोक कुमार और सदस्य विकास सक्सेना ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद केयर हेल्थ इंश्योरेंस को विभिन्न मदों में करीब 85 लाख रुपये हर्जाना देने का आदेश दिया। वर्ष 2019 में कानपुर अशोक नगर निवासी दिनेश प्रकाश को पत्नी मीरा गुप्ता के साथ अमेरिका जाना था। अमेरिका जाने से पहले अक्तूबर में दंपती ने केयर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से एक लाख डॉलर का बीमा कराया, जिसकी अवधि 2 नवंबर से 25 नवंबर 2019 तक थी। 24 दिन की यूएस ट्रिप के लिए कराए गए बीमा के एवज में उन्होंने 12,818 रुपये का प्रीमियम भरा। छह नवंबर को उनकी पत्नी के सिर में अचानक दर्द उठा, उल्टियां हुई और वे बेहोश हो गई। उन्हें तत्काल एक नर्सिंग होम ले जाया गया, जहां जांच में दिमाग में ब्लीडिंग पाई गई। फिर उन्हें मेमोरियल हरमन न्यूरोलॉजी हॉस्पिटल में भर्ती किया गया, जहां ब्रेन हैमरेज की पुष्टि हुई। लाख प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।

दिनेश प्रकाश ने कंपनी से बीमा राशि का दावा किया। कंपनी ने महीनों दस्तावेज भरवाए। उनके घर गए। पूरी जांच पड़ताल की बीमा राशि देने का आश्वासन दिया। इस प्रक्रिया में उन्होंने 605 दिन लगा दिए । वर्ष 2021 में ये कहते हुए भुगतान से इनकार कर दिया कि पत्नी को डायबिटीज सहित अन्य बीमारियां थीं, जिन्हें छुपाया गया।

इस पर उन्होंने कहा कि जब बीमा के समय सारी जांचें, पूछताछ, पड़ताल कर पॉलिसी दी गई तो अब किस आधार पर दावा खारिज कर दिया। इसके बावजूद कंपनी ने बीमा भुगतान नहीं दिया।
इस पर उन्होंने आयोग में अपील की और सेवा में कमी और वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए केयर हेल्थ इंश्योरेंस और पॉलिसी बाजार के खिलाफ वाद दाखिल किया। अध्यक्ष न्यायमूर्ति अशोक कुमार और विकास सक्सेना ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुना।

ऐसे मामलों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए पिछले आदेशों का अध्ययन किया। इस आधार पर कंपनी को सेवा में कमी का दोषी पाया गया। इसी के साथ 80 लाख रुपये बीमा राशि 5 लाख रुपये मानसिक कष्ट और 50 हजार रुपये वाद व्यय के रूप में 30 दिन के अंदर दिनेश प्रकाश को देने के आदेश दिए। 30 दिन बाद इस राशि पर 9 फीसदी सालाना ब्याज भी वर्ष 2019 से देय होगा।

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