asd बिना कुछ करे मौज कराने और संपत्ति हड़पने की बढ़ती प्रवृति ? शर्मनाक है सात घंटे तक चार बीघा जमीन के लिए मां का अंतिम संस्कार रोके रखना – tazzakhabar.com
Date: 14/03/2025, Time:

बिना कुछ करे मौज कराने और संपत्ति हड़पने की बढ़ती प्रवृति ? शर्मनाक है सात घंटे तक चार बीघा जमीन के लिए मां का अंतिम संस्कार रोके रखना

0

सारे साधु संत हमें संदेश दे रहे हैं कि चमक धमक धन दौलत से दूर रहें। जीवन को भगवान की प्रार्थना में लगाकर सकारात्मक बनाए लेकिन यह कितने ताज्जुब और शर्म की बात है कि मथुरा के गोविंद नगर बिरला मंदिर के पास शमशान घाट में गत रविवार को नंगला हीता गांव की रहने वाली पुष्पा के अंतिम संस्कार के दौरान जिस प्रकार से उनकी तीन बेटियों द्वारा चार बीघे जमीन के बंटवारे को लेकर हंगामा किया गया। उससे संबंध खबर को पढ़कर यही लगता है कि लालच शर्म और अपनेपन की सभी सीमाएं इनके द्वारा लांघ दी गई। क्योंक सात घंटे चिता पर रखा शव मुखाग्नि के लिए इंतजार करता रहा और बेटियां इस बात के लिए लड़ती रही कि पहले जमीन का बंटवाना होना चाहिए। तब जब रिश्तेदारो ंने स्टांप मंगवाया और बंटवारे की लिखा पढ़ी के बाद ही वृद्धा का अंतिम संस्कार हो पाया।
यह कोई पहली घटना नहीं है। खबरों में ऐसा सुनने व पढ़ने को मिलता ही रहता है। कुछ दिन पूर्व एक कॉलोनी में परिवार के मुखिया का निधन हुआ तो उनके छोटे भाई ने यह कहकर कि बंटवारा कर लो तूफान मचाया था लेकिन समझदार लोगों ने समझा बुझाकर वृद्ध का अंतिम संस्कार कराया लेकिन बाद में उस व्यक्ति ने मृतक के बेटों से बिना कुछ बताए सबकुछ अपने नाम कराकर हड़प लिया।
सभी जानते हैं कि समाज में आजकल संपत्ति के बंटवारे को लेकर परिवारों में अगर किसी के पास कुछ है तो भाई बहन ज्यादातर परिस्थितियों में संपत्ति के लिए एकदूसरे के खिलाफ तनकर खड़े हो जाते हैं। अब तो ऐसा देखने में आ रहा है कि कितने ही संपन्न परिवारों के बच्चे काम नहीं करना चाहते। और समाज में प्रचलित एक कहावत कि एक व्यक्ति ने एक नौकर की इच्छा व्यक्त की। जब एक सज्जन आए तो पूछा कि क्या तनख्वाह दोगे तो उसने कहा कि यह टिफिन लो गुरूद्वारे जाना खुद भी खाना और मेरे लिए भी लेकर आना। आजकल कुछ बच्चे भी चमक धमक की सारी व्यवस्था मां बाप की कमाई से ही पूरी करने में दिलचस्पी होती है। आखिर ऐसी घटनाएं और सोच हमें कहां लेकर जा रही है। इस बारे में अब धनलोलुपता से दूर मेहनत में विश्वास रखने वाले नौजवानों और बच्चों व बड़ों को सोंचना होगा वरना जो आदिकाल से समाज में आपसी प्यार और तालमेल सम्मान करने की प्रथा चली आ रही है वो तो समाप्त होगी और शर्म का जो परदा हमारे बीच है वो भी फटकर तहत नहस हो जाएगा। फिर क्या स्थिति होगी इसका अंदाजा हर कोई लगा सकता है। मैं यह तो नहीं कहता कि सुख सुविधा ना भोगी जाएगी। हर आदमी को अपने हिसाब से जीने का अधिकार है लेकिन दूसरों को देखकर अपनी राय बनाने और बिना कुछ करे संपन्नता दर्शाने की नीयत किसी भी रूप में सही नहीं है। इस तथ्य को ध्यान रखकर हमें ऐसे प्रयास करने होंगे जो संपत्ति को लेकर विवाद हो रहे हैं वो ना हो।

Share.

Leave A Reply

sgmwin daftar slot gacor sgmwin sgmwin sgm234 sgm188 login sgm188 login sgm188 asia680 slot bet 200 asia680 asia680 sgm234 login sgm234 sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin asia680 sgmwin sgmwin sgmwin asia680 sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgm234 sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin ASIA680 ASIA680