अमृतसर, 26 अप्रैल। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव ने भारतीय दूल्हे और पाकिस्तानी दुल्हन के शादी के अरमानों को फीका कर दिया है। पहले ही वीजा न मिल पाने की वजह से दोनों को सगाई के बाद चार साल तक शहनाई बजने का इंतजार करना पड़ा। अब वीजा मिला तो बाड़मेर के रहने वाले दूल्हे की बारात को अटारी बार्डर से वापस लौटा दिया गया।
जानकारी के अनुसार राजस्थान के बाड़मेर के रहने वाले शैंतान सिंह की सगाई चार साल पहले पाकिस्तान के अमरकोट जिले की रहने वाली केसर कंवर के साथ हुई थी। तब से ही शैंतान सिंह का परिवार शादी की तारीख तय करने के लिए पाकिस्तान के लिए वीजा की कोशिश कर रहा था। करीब तीन साल तक विभिन्न स्तर पर देरी व कूटनीतिक बाधाओं से जूझने के बाद परिवार को इसी साल फरवरी में वीजा मिला जिसके बाद उन्हें शादी की उम्मीद जागी। वीजा मिलते ही परिवार पाकिस्तान गया और वहां विवाह के लिए 30 अप्रैल की तारीख निर्धारित की गई।
दूल्हे शैतान सिंह ने कहा 18 फरवरी उनका, पिता और भाई का वीजा क्लियर हुआ। वे तीनों 23 अप्रैल को वाघा-अटारी बॉर्डर के लिए रवाना हुए। एक दिन बाद वहां पहुंचे, लेकिन 24 अप्रैल को बॉर्डर बंद हो गया। उनका वीजा 12 मई तक का है। इसलिए परिवार की अभी थोड़ी उम्मीद बाकी है।
दूल्हे शैतान सिंह ने कहा- आतंकवादियों ने जो कुछ किया वह गलत किया। मेरी शादी थी, अब रुकावट हो गई। भारत सरकार ने फैसला लिया है तो यह सही फैसला है। आतंकवादियों की करतूत गलत है।
शैतान सिंह के चचेरे भाई सुरेंद्र सिंह ने बताया कि पाकिस्तान से हमारे रिश्तेदार भी आए हुए थे। इनके चार बेटे पाकिस्तान के कपासकोट में रहते हैं। एक बेटा और एक बेटी बाड़मेर (राजस्थान) में रहते हैं।
हम काफी हताश हैं। आतंकी घटना से काफी नुकसान होता है। रिश्ते खराब होते हैं। बॉर्डर पर आना-जाना बंद हो जाता है। आतंकवाद गलत है।