Date: 16/09/2024, Time:

भ्रष्ट व लापरवाह अफसरों से मुक्त पारदर्शी शासन की स्थापना के लिए सरकार को लेना होगा सख्त निर्णय, पूर्व मंत्री ने लगाए भ्रष्टाचार के आरोप

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सरकारी कार्यालयों मेें बिचौलियों की उपस्थिति और घुसपैठ तथा जरूरतमंदों के काम कराने के नाम पर हो रही वसूली की खबरों पर सरकार द्वारा बिचौलियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है। उसके बावजूद ज्यादातर कार्यालयों में इन दलालों का बोलबाला मजबूत है और क्योंकि विभागाध्यक्ष से लेकर चपरासी तक सबको इनके बारे में पता है क्योंकि उन्हें भी इनके माध्यम से आर्थिक लाभ बिना किसी कठिनाई और फंसने की संभावना से खूब मिल रहा है इसलिए कोई आसानी से इनके खिलाफ कार्रवाई करने की नहीं सोचता है। अगर कोई सोचता भी है तो उनके सहयोगी अधिकारी कार्रवाई नहीं करने देते क्योंकि ये बिचौलिये इनके कृपापात्र होते हैं। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा जनता के काम समय से हों अफसर आगुंतकों की बात सुने और उस पर अमल करते हुए तुरंत समस्या का समाधान ढूंढे इसके लिए सरकारी कार्यालयों में कराई गई छापेमारी में सहारनपुर मंडल में ही 19 गिरफतार और कई के खिलाफ की गई कार्रवाई। इस दौरान बाढ़ से बिगड़े हालात में भी दस अफसरों से जवाब तलब किया गया। इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकारी कार्यालयों मेें बिचौलियों का दबदबा और अधिकारियों व कर्मचारियो का संरक्षण कितने उच्च स्तर पर प्राप्त है। मुख्यमंत्री जी इस बारे में वैसे तो लगभग एक ग्रामीण कहावत हर डाल पर उल्लू बैठा है अंजामे गुलिस्ता क्यां होगा के समान ज्यादातर कार्यालयों की कार्यप्रणाली एक जैसी है लेकिन अगर डिप्टी रजिस्टार चिट फंड सोसायटी के कार्यालयों, शिक्षा विभाग, आबकारी, जीएसटी, विकास प्राधिकरण एवं नगर निगमों आदि का गोपनीयता से सर्वे कराया जाए तो पता चलेगा कि नागरिकों के कहे अनुसार इनके अधिकारियों में से कुछ का एक साल में ही कई गुना बैंक बैलेंस और संपत्तियों में बढ़ोत्तरी होने की संभावनाओं को नकारा नहीं जा सकता। मेरा मानना है कि अगर सरकारी कार्यालयों से लापरवाही खत्म करनी है और बिचौलियों का हो सफाया तो हर जिले में विश्वस्त अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को सक्रिय करिए भ्रष्टाचार का कितना बोलबाला है यह सब खुली किताब की तरह आपके सामने मौजूद होगा। इसके जीते जागते प्रमाण के रूप में प्रतापगढ़ के भाजपा नेता पूर्व कैबिनेट मंत्री मोती सिंह द्वारा भ्रष्टाचार को लेकर अपनी ही सरकार को लेकर घेरते हुए कहा गया कि तहसीलों थानो में भ्रष्टाचार अपने चार दशक के राजनीतिक जीवन में नहीं देखा कल्पना करने का अवसर अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को करने के लिए दे रहा है। उन्होंने कहा कि योगी जी के नेतृत्व में 2027 में पुनः कार्य करने काा मौका मिले। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि वो मुख्यमंत्री से नाराज नहीं है। उन्हें परेशानी कार्यकर्ताओं के समक्ष होने वाली कठिनाईयों से हैं। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि भ्रष्टाचार की सफाई करने के लिए कुछ अधिकारियों को जांच के घेरे में लाना होगा व समय से पूर्व सेवानिवृति देनी होगी तभी भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन की स्थापना का सपना साकार हो सकता है।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

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