बाग्लादेश में तख्तापलट के बाद वहां के अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों की घटनाओं को लेकर नागरिकों में रोष बढ़ता ही जा रहा है। वहां के वर्तमान शासनाध्यक्ष द्वारा अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और उनकी धार्मिक संस्थाओं की सुरक्षा का आश्वासन दिए जाने के बाद भी इस्कॉन के पुजारी चिन्मय कृष्णदास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में इसके केंद्र को मुस्लिम कटटरपंथियो द्वारा नजरबंद करने और श्रद्धालुओं को सेना द्वारा वाहनों में भरकर ले जाने तथा इस्कॉन को धार्मिक कटटरपंथी संगठन करार दिए जाने को लेकर रोष बढ़ता ही जा रहा है। इस बारे में देश के 68 रिटायर जजों आईएएस व आईपीएस अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर दखल देने और वहां के अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा की मांग की है। बताते चलें कि जब भी देशवासियों पर कोई संकट आता है या देश के सामने कोई समस्या उत्पन्न होती है तो पक्ष हो या विपक्ष सब एकजुट होकर उस कठिनाई का सामना करने के लिए खड़े हो जाते हैं उसी प्रकार से बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिर और अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा के मामले में वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत, केंद्रीय मंत्री गिरीराज सिंह शुभेंद्र अधिकारी आदि ने हिंदुओं पर अत्याचार की निंदा करते हुए संयुक्त राष्ट्र से मामले में हस्पक्षेप करने की मांग की है। उधर विहिप के अंतराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि धार्मिक कटटरता और जेहाद सिर्फ बांग्लादेश के लिए नहीं पूरी दुनिया के लिए चुनौती बन गया है। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने एक्स पर पोस्ट किया कि बांग्लादेश में इस्कॉन के संत की गिरफ्तारी और हिंदुओं के साथ हिंसा की खबरें चिंताजनक है। इसी प्रकार के बयान अन्य नेताओं के भी सामने आ रहे हैं। हम भारतीय सभी धर्मो और उनके माननों वालों का सम्मान करते हैं और भारत में सभी धार्मिक विचारों के लोग पूजा पाठ करने के लिए आजाद है। इसका उदाहरण भारत में हर जगह देखा जा सकता है लेकिन हम कमजोर नहीं है। यह बात बांग्लादेश की सरकार को अब भारतीय नेताओं द्वारा समझानी चाहिए। क्योंकि अगर पूर्व पीएम स्व. इंदिरा गांधी बांग्लादेश निर्माण प्रकरण में सहयोग कर उसे अस्तित्व में लाने में सहयोग दे सकती है तो वर्तमान भारत सरकार और देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को बांग्लादेश के शासकों को यह बता देना चाहिए कि हम पहले से कई गुणा मजबूत हुए हैं। सरकार पीएम मोदी के नेतृत्व में देशवासियों की सुरक्षा के लिए निर्णय लेने में सक्षम है। यह कई बार कुछ वर्षो में स्पष्ट हो चुका है। कहने का आश्य सिर्फ यह है कि बांग्लादेश के शासनाध्यक्ष इस्कॉन की बजाय अपने यहां के कटटरपंथियों की कार्यप्रणाली पर लगाम लगाए और अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर तुरंत रोक लगाई जाए ऐसी सुझाव से युक्त चेतावनी भारत सरकार को देने में देर नहीं करनी चाहिए। क्योंकि इस मुददे पर पक्ष विपक्ष ही नहीं देश का हर नागरिक उनके साथ है। बीते दिनों मुस्लिम नेता असददुीन औवेशी के बयान से भी यह बात स्पष्ट होती है।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
बांग्लादेश में इस्कॉन संत की रिहाई और अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा के लिए सरकार करे प्रभावी पहल
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