Date: 21/11/2024, Time:

लापरवाह और भ्रष्टों तक शासन की पहुंचने लगी नजर, दस जिलों में सड़कों के निर्माण और बाराबंकी पीएम आवास योजना में मिली खामियां, कई के खिलाफ हो सकती है कार्रवाई

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टूटी सड़कों और उनमें गढडों की बढ़ती संख्या व सुधार में लगाई जा रही घटिया सामग्री खाए जा रहे कमीश्न की खबर प्रदेश के सीएम योगी तक भी पहुंचने लगी है। इसलिए बीते दिनों शासन ने मुजफ्फरनगर, हरदोई सहित दस जिलों में बनी सड़कों की जांच कराई जिसमंें नमूने फेल आए। एक खबर के अनुसार शासन ने हाल ही में हरदोई समेत 10 जिलों में नवनिर्मित सड़कों की औचक जांच कराई थी। इसमें कई सड़कों के नमूने लैब की जांच में फेल हो गए हैं। यहां निर्माण सामग्री मानक के अनुरूप नहीं लगाई गई। सूत्रों के मुताबिक, शीघ्र ही कई अभियंताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। वहीं राजधानी से लखनऊ सटे बाराबंकी जिले में प्रधानमंत्री – आवास योजना (शहरी) के तहत 27.50 लाख रुपये का घोटाला सामने आया है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने सड़कों का औचक मुआयना करने के निर्देश दिए थे। इसी के तहत हरदोई में प्रमुख सचिव, पीडब्ल्यूडी अजय चौहान, सलाहकार वीके सिंह और विभागाध्यक्ष योगेश पंवार ने जांच की। मौके से लगाई गई सामग्री के नमूने भी लिए गए। इसके अलावा बदायूं, मुजफ्फरनगर, कानपुर, बलरामपुर, बस्ती, प्रतापगढ़, गाजीपुर, आजमगढ़ और जालौन में भी गुणवत्ता की जांच की गई।
सभी 10 जिलों में कुल 40 सड़कों की जांच की गई। इसके अलावा प्रत्येक जिले में विशेष मरम्मत के दो प्रस्तावों की भी जांच कराई गई। विभागीय सूत्रों के मुताबिक, अभी तक हरदोई समेत तीन-चार जिलों के नमूने फेल हो चुके हैं। जबकि, शेष जिलों के नमूनों की अभी जांच हो रही है। इनमें से अधिकतर जिलों में जांच में खामियां मिली हैं।
प्रदेश में आवागमन की रफ्तार बढ़ाने व यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए सरकार ने अहम फैसले किए हैं। जिसके तहत 46 स्टेट हाईवे समेत 196 सड़कों को चौड़ा किया जाएगा। इन पर करीब 6600 करोड़ रुपये की लागत आएगी। पीडब्ल्यूडी मुख्यालय ने संबंधित प्रस्ताव शासन को भेज दिए हैं। इसी सप्ताह प्रस्ताव को फाइनल मंजूरी मिलने की संभावना है।
प्रदेश सरकार ने जो भी हाईवे सात मीटर चौड़े हैं, उन्हें 10 मीटर करने की योजना बनाई है। इससे जहां आवागमन सुरक्षित होगा, वहीं वाहनों की रफ्तार भी बढ़ेगी। सड़कें अधिक भार वाले वाहनों को भी सहने के लायक बनेंगी।
इस योजना में लखनऊ के लखनऊ-मोहान और मोहान- बांगरमऊ समेत 46 स्टेट हाईवे चिह्नित किए गए हैं। इन्हें चौड़ा करने पर 2100 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
अन्य जिलास्तरीय सड़कें (ओडीआर) 5.5 मीटर चौड़ी होंगी। इसी तरह से प्रमुख जिला मार्गों (एमडीआर) को सात मीटर चौड़ा किया जाना है। पहले चरण में इन श्रेणियों के 150 मार्ग छांटे गए हैं। उच्चपदस्थ सूत्रों के अनुसार, शीघ्र ही इन सड़कों पर काम शुरू हो जाएगा। इनमें यूपी के सभी जिलों के मार्ग शामिल हैं। मुख्यमंत्री जी केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी सड़कों की गुणवत्ता और इंजीनियरों को लेकर कई बार चर्चा कर चुके हैं और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही जा रही है लेकिन आसानी से शायद कुछ जेई एई को कोई फर्क पड़ता अभी तक नजर नहीं आ रहा था। लोगों का कहना है कि इनकी खाल बहुत मोटी हो गई है इसलिए कोई फर्क आसानी से नहीं पड़ता है लेकिन जिस प्रकार से आपने सामूहिक रूप से यह जांच कराने का निर्णय लिया उससे लगता है कि अगर पारदर्शी वातावरण में इन जांच के मामलों पर निर्णय लिया गया वो भविष्य मंे जानकारी अनुसार गुणवत्तापूर्ण सड़क निर्माण का काम शुरू होगा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गडढा मुक्त सड़क का सपना साकार हो सकता है।
इस प्रकार बाराबंकी जिले में प्रधानमंत्री – आवास योजना (शहरी) के तहत 27.50 लाख रुपये का घोटाला सामने आया है। जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) के अधिकारियों-कर्मचारियों की मिलीभगत से 11 आवास बनाए बिना ही फर्जी जियोटैग कराकर प्रति आवास 2.50-2.50 लाख रुपये का गबन किया गया है। बाराबंकी के जिलाधिकारी सत्येन्द्र कुमार द्वारा कराई गई जांच में घोटाला सामने आने के बाद राज्य नगरीय विकास अभिकरण (सूडा) के निदेशक डा. अनिल कुमार ने बाराबंकी की परियोजना अधिकारी विजया तिवारी को जिले से हटाकर विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
राजधानी से – सटे बाराबंकी जिले में प्रधानमंत्री – आवास योजना (शहरी) के तहत 27.50 लाख रुपये का घोटाला सामने आया है। जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) के अधिकारियों-कर्मचारियों की मिलीभगत से 11 आवास बनाए बिना ही फर्जी जियोटैग कराकर प्रति आवास 2.50-2.50 लाख रुपये का गबन किया गया है। बाराबंकी के जिलाधिकारी सत्येन्द्र कुमार द्वारा कराई गई जांच में घोटाला सामने आने के बाद राज्य नगरीय विकास अभिकरण (सूडा) के निदेशक डा. अनिल कुमार ने बाराबंकी की परियोजना अधिकारी विजया तिवारी को जिले से हटाकर विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
प्रस्तुति: अंकित बिश्नोई, मजीठियां बोर्ड यूपी के पूर्व सदस्य सोशल मीडिया एसोसिएशन एसएमए के राष्ट्रीय महामंत्री

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