जम्मू 02 जुलाई। अमरनाथ यात्रा के लिए बुधवार को पहला जत्था जम्मू से रवाना हो गया। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भगवती नगर बेस कैंप से जत्थे को झंडी दिखाई। इस दौरान श्रद्धालु ‘हर हर महादेव’ और ‘बम बम भोले’ के जयकारे लगाते रहे। आधिकारिक तौर पर यात्रा की शुरुआत 3 जुलाई से होगी।
वहीं, पंजाब के पठानकोट से भी यात्रियों के जत्थे को रवाना किया गया। यहां से श्रद्धालु बालटाल होकर बाबा बर्फानी की गुफा पहुंचेंगे। 38 दिन तक चलने वाली यात्रा पहलगाम और बालटाल दोनों रूटों से होगी। यात्रा का समापन 9 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन होगा। पिछले साल यात्रा 52 दिन चली थी और 5 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा के दर्शन किए थे।
इस साल अब तक 3.5 लाख से ज्यादा तीर्थयात्री रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। तुरंत रजिस्ट्रेशन के लिए जम्मू में सरस्वती धाम, वैष्णवी धाम, पंचायत भवन और महाजन सभा में सेंटर खोले गए हैं। ये सेंटर रोज दो हजार श्रद्धालुओं का रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं।
अर्धसैनिक बलों की लगभग 600 अतिरिक्त कंपनियां तैनात
सुरक्षा के लिए अर्धसैनिक बलों की लगभग 600 अतिरिक्त कंपनियों को तैनात किया गया है, जो यात्रा सुरक्षा के लिए अब तक की सबसे बड़ी तैनाती है।
पहलगाम हमले के बाद कश्मीर में सुरक्षा स्थिति ने यात्रा को भी प्रभावित किया है। यात्रा पंजीकरण में गिरावट आई है, जबकि अधिकारी अधिक यात्रियों को आकर्षित करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। सरकार ने जम्मू से बालटाल और पहलगाम में आधार शिविरों तक यात्रियों के लिए मुफ्त बस सेवा और अन्य व्यवस्थाएं की हैं।
पारंपरिक पहलगाम मार्ग 48 किमी. लंबा
स्वास्थ्य, जल आपूर्ति और बिजली जैसे प्रमुख विभागों के सैकड़ों जम्मू-कश्मीर सरकार के कर्मचारी यात्रा व्यवस्थाओं में शामिल हैं, ताकि तीर्थयात्रा को सुचारू रूप से चलाया जा सके। बालटाल से गुफा मंदिर तक का रास्ता सबसे छोटा रास्ता है जो 14 किमी. का है, जबकि पारंपरिक पहलगाम मार्ग 48 किमी. लंबा है।