हापुड़ 18 जून। ग्राम पंचायत अधिकारी ने जिंदा बुजुर्ग राजेंद्र सिंह को सत्यापन के दौरान कागजों में मृत दर्शाया। डीएम से हुई शिकायत के बाद जिला समाज कल्याण अधिकारी ने जांच की तो मामले का खुलासा हुआ। मामले में जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद डीएम ने ग्राम विकास अधिकारी योगेंद्र सिंह को निलंबित कर दिया। साथ ही बीडीओ हापुड़ को जांच अधिकारी बनाया गया है।
गढ़मुक्तेश्वर विकास खंड की ग्राम पंचायत फत्तापुर निवासी राजेंद्र सिंह को समाज कल्याण विभाग से वृद्धा पेंशन मिल रही थी। वर्ष 2024 के सत्यापन के दौरान तैनात रहे ग्राम विकास अधिकारी योगेंद्र सिंह ने राजेंद्र सिंह को मृतक दर्शाया। इसके बाद भी राजेंद्र सिंह को पेंशन मिलती रही, लेकिन सीडीओ हिमांशु गौतम की जिले में तैनाती के बाद सभी का फिर से सत्यापन कराया गया, जिसमें सामने आया कि मृतक राजेंद्र सिंह को फरवरी माह 2025 तक की पेंशन खाते में मिल चुकी है। उन्हें मृतक दर्शाने से लेकर की तिथि से तीन माह की अतिरिक्त पेंशन उनके खाते में गई। मामले की जानकारी पर समाज कल्याण विभाग ने उनकी पेंशन बंद कर दी। पेंशन न आने पर राजेंद्र सिंह ने जिलाधिकारी अभिषेक पांडेय से दस्तावेज लेकर शिकायत की। जिसके बाद मामले की जांच जिला समाज कल्याण अधिकारी शिवकुमार को सौंपी गई।
जब समाज कल्याण अधिकारी ने दस्तावेज सौंपने को कहा तो गलत तथ्य दिए गए। यहां तक कि लाभार्थी को मृत दर्शाकर उनकी पेंशन रुकवाने और अधिकारियों द्वारा पूछने पर भी गलत तथ्यों से अवगत कराने पर अब वर्तमान में विकास खंड धौलाना में तैनात ग्राम विकास अधिकारी योगेंद्र सिंह को निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई शुरू की गई है। निलंबन अवधि के दौरान जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि अर्द्धवेतन पर देय होगी। वहीं, उन्हें खंड विकास अधिकारी हापुड़ कार्यालय से संबंद्ध कर दिया गया है।
जिला समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि ग्राम विकास अधिकारी ने सत्यापन के दौरान बिना मृत्यु प्रमाण-पत्र लगाए ही राजेंद्र सिंह को मृत घोषित कर दिया। वहीं, राजेंद्र सिंह के खाते में गई तीन माह की पेंशन की वसूली ग्राम विकास अधिकारी से होगी।