Date: 22/11/2024, Time:

केदारनाथ और युमनोत्री धाम के कपाट 6 महीने के लिए बंद

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रुद्रप्रयाग 04 नवंबर। उत्तराखंड में केदारनाथ मंदिर के कपाट आज सुबह बंद कर दिये गए. अब 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंमकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में की जाएगी. कपाट बंद होने के बाद बाबा केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव डोली की यात्रा निकाली गई. इस दौरान भारतीय सैना के बैंड पर हजारों भक्त झूम उठे. इस साल बाबा केदार के दरबार पर साढ़े 16 लाख भक्तों ने माथा टेका.

रुद्रप्रयाग प्रशासन ने जानकारी देते हुए बताया कि विश्व प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट आज भैया दूज के पावन पर्व पर सुबह 8:30 बजे शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं. ऊं नमः शिवाय, जय बाबा केदार के जय घोष के साथ ही भारतीय सेना के बैंड की भक्तिमय धुनों के बीच वैदिक विधि-विधान और धार्मिक परंपराओं के साथ कपाट बंद किए गए. इस अवसर पर 15 हजार से अधिक श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी बने. कपाट बंद होने के पहले मंदिर को दीपावली के दिन से भव्य रूप से फूलों से सजाया गया था.

रविवार सुबह 5 बजे से कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू हुई. बीकेटीसी के आचार्य, वेदपाठियों, पुजारीगणों ने भगवान केदारनाथ के स्वयंभू शिवलिंग की समाधि पूजा की. स्वयंभू शिवलिंग को भस्म, स्थानीय पुष्पों बेल पत्र आदि से समाधि रूप दिया गया. सुबह 08:30 बजे बाबा केदार की पंचमुखी उत्सव डोली को मंदिर से बाहर लाया गया इसके बाद श्री केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए. कपाट बंद होने के साथ ही बाबा केदार की पंचमुखी उत्सव डोली ने अपने पहले पड़ाव रामपुर के लिए रवाना किया. हजारों श्रद्धालु बाबा की पंचमुखी डोली के साथ पैदल ही रवाना हुए. इस साल के यात्राकाल में लगभग साढ़े 16 लाख से अधिक श्रद्धालुगण श्री केदारनाथ धाम पहुंचे.

घोड़ा खच्चर संचालकों ने 1.31 व हेली कंपनियों ने 1.10 अरब का किया कारोबार
केदारनाथ धाम की यात्रा इस बार कई मायनों में खास साबित हुई। भले ही पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष तीन लाख तीर्थयात्री कम पहुंचे, लेकिन धाम में घोड़ा – खच्चर संचालकों और हेली कंपनियों ने अच्छा कारोबार किया । घोड़ा – खच्चर संचालकों ने 1.31 अरब तो हेली कंपनियों ने 1.10 अरब रुपये कमाए। डंडी- कंडी से भी लगभग 40.68 करोड़ का कारोबार हुआ। इससे जिला पंचायत ने भी 3.66 करोड़ की आय अर्जित की और श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति की आय में भी करोड़ो रुपये की वृद्धि हुई। यात्रा के इतिहास में पहली बार एक दिन में 38,682 तीर्थयात्री धाम पहुंचे। केदारनाथ आने वाले तीर्थ यात्रियों में हेली सेवा, घोड़ा खच्चर और डंडी- कंडी से यात्रा का क्रेज लगातार बढ़ रहा है। इससे इन सेवाओं से जुड़े व्यापारियों की आय भी बढ़ी है। इस यात्रा सीजन के लिए 9,377 घोड़ा – खच्चरों का पंजीकरण किया गया था। इसके अलवा डंडी- कंडी के लिए 8,437 श्रमिकों ने पंजीकरण कराया था।

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