ग्रामीण कहावत जिस घर में चार बर्तन होंगे तो खनकेंगें ही। इसका मतलब है कि जब कुछ लोग एक साथ जुटते हैं तो मतभेद भी होते हैं लेकिन मनभेद न बन पाए इसका ध्यान सभी रखते हैं। राजनीति में विपक्षी दलों के साथ आम आदमी भी हर स्थिति पर निगाह बनाए रखता है इसलिए छोटी बात भी चर्चा का विषय बन जाती है।
पीएम मोदी सहित सभी बड़े नेता एकजुटता की मिशाल कायम करने और सभी के सम्मान की रक्षा करते हुए ऐसा कोई मौका देने की कोशिश नहीं कर रहे हैं जिससे विरोधी नेताओं को कोई मुददा उछालने का मौका मिले। मैं समझता हूं कि क्योंकि 2029 में केंद्र में मोदी के नेतृत्व में सरकार बनाने के लिए भाजपा नेता कार्यकर्ता भरपूर प्रयास कर रहे हैं इसलिए ऐसा होना भी नहीं चाहिए। मगर पिछले तीन दिन से शहर में आए पर्यटन एवं सांस्कृतिक मंत्री जयवीर सिंह के सम्मान में समाचार पत्रों में पूरे और आधे पृष्ठ का एक विज्ञापन छपा। एक विज्ञापन एक फर्जीचर की फर्म के नाम से छपवाया गया जिसका संचालन पार्टी नेता द्वारा ही किया जाता है। इस विज्ञापन में शहर के कार्यकर्ताओं से लेकर प्रधानमंत्री तक के फोटो छपे। नियमानुसार बिना सरकार की अनुमति लिए सबसे प्रमुख नेता का फोटो छप सकता है या नहीं लेकिन इसमें आसपास के जिलों के जनप्रतिनिधियों और पूर्व विधायक के फोटो भी छपे। यह सामान्य बात है कि विज्ञापन दाता इसमें किसके चित्र लगवाए। मगर चर्चा इस बात की है कि मेरठ के तीन बार सांसद रहे राजेंद्र अग्रवाल जिनकी लोकप्रियता आज भी किसी से कम नहीं है। शहर में होने वाले ज्यादातर कार्यक्रमों में राजेंद्र अग्रवाल की उपस्थिति हमेशा नजर आती है क्योंकि सांसद रहते हुए अगर वह क्षेत्र में रहे हो तो निमंत्रण मिलने पर जाने में चूक नहीं की और ज्यादातर लोगों के संभव कार्य भी किए। इसीलिए आज भी उनकी चर्चा और लोकप्रियता पूरी तौर पर विराजमान है। सभी बड़े नेता उनका सम्मान भी करते हैं। इसलिए चर्चा यह बनी कि आखिर इस विज्ञापन में राजेंद्र अग्रवाल का फोटो गायब क्यों हुआ। वो भी उस स्थिति में जब उसमें स्लोगन लिखा कि छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता। टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता। पूर्व पीएम अटल बिहारी की इन पंक्तियों का यह मतलब है कि सभी को अपना मन बड़ा रखना चाहिए इसलिए यह विज्ञापन चर्चा का विषय बना है क्योंकि राजेंद्र अग्रवाल अब सांसद न हो लेकिन नागरिकों के लिए सर्वमान्य नेता हैं। दिल्ली हो या लखनऊ सभी उनका सम्मान करते हैं इसलिए जिस विज्ञापन में जमाने भर के नेताओं के फोटों हो उनमें राजेंद्र अग्रवाल का नजर ना आना नागरिकों के लिए जिज्ञासा का विषय तो है ही। सब जानते हैं कि भाजपा का नेता किसी प्रकार की गुटबंदी पार्टी में पैदा नहीं होने देना चाहता और अग्रवाल साहब का फोटो ना होना यह दर्शाता है कि कहीं ना कहीं कुछ तो रहा ही जो वो इसमें नजर नहीं आ रहे।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
चर्चा बनी मंत्री जी के स्वागत विज्ञापन में पूर्व सांसद राजेंद्र अग्रवाल का फोटो गायब होना
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