अयोध्या 09 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में 17 साल पहले हत्या कर फरार चल रहे दो शातिर आरोपियों को पुलिस ने रामनगरी अयोध्या से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। दो शख्स अयोध्या में साधु वेश धारण कर पहचान छिपाए हुए थे। इनकी पहचान विजय उर्फ संजय और सीताराम ऊर्फ विजय के रूप में हुई है। दोनों पर 15-15 हजार का इनाम था। पुलिस ने इनको राम जन्मभूमि थाना क्षेत्र से पकड़ा और गोंडा की अदालत में पेश किया।
गोंडा के नवाबगंज थाना क्षेत्र में स्थित गांव तुलसीपुर माझा में छह जून, 2007 को घर से बुलाकर महावीर सिंह की हत्या कर दी गई थी। दोनों आरोपी विजय और सीताराम मौके से फरर हो गए। यह हत्या मठ के स्वामित्व और जमीन विवाद को लेकर हुई। लंबे समय से गोंडा पुलिस इन दोनों आरोपियों को ढूंढ रही थी। इनके ऊपर पुलिस ने इनाम भी रखा, लेकिन कोई सुराग नहीं लग रहा था।
पुलिस ने बताया कि विजय और सीताराम हत्या करने के बाद अयोध्या के रामकोट मोहल्ले के हनुमान कुटी में रहने लगे। ये दोनों अयोध्या में कुख्यात रहे बदमाश रामकृपालदास के भी करीबी बताए जा रहे हैं। रामकृपालदास की वर्ष 1996 में हत्या हो गई थी। सीताराम की तलाश में गोंडा पुलिस कई बार वारंट लेकर अयोध्या आई थी, लेकिन नाम और वेश बदला होने के कारण हर बार खाली हाथ लौट जाती थी। वर्ष 2008 में विजय और सीताराम के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई भी हुई थी इसके बाद से दोनों फरार थे। इनकी गिरफ्तारी पर गोंडा पुलिस ने 15-15 हजार रुपये का पुरस्कार भी घोषित किया था।
दोनों ठिकाना बदल-बदल कर रहते रहे। सीताराम का पता हनुमान कुटी था, जो थाना रामजन्मभूमि क्षेत्र में आता है। इसलिए न्यायालय की ओर से जारी वारंट स्थानीय पुलिस को मिला। इसके बाद पहले सीताराम को पकड़ा गया तो उसने पूछताछ में अपनी सही पहचान बताई। उसी ने संजय का भी पता बताया, जिसके बाद दोनों की गिरफ्तारी की गई। संजय लक्ष्मणकिला में रह रहा था।
इस बार थाना रामजन्मभूमि को वारंट मिला, तो स्थानीय पुलिस की सतर्कता में दोनों की कलई खुल गई। दोनों यहां साधुवेशधारी के रूप में पहचान छिपा कर रहते थे।