शामली 14 फरवरी। शामली में कैराना से सपा विधायक नाहिद हसन को एमपी-एमएलए कोर्ट ने सजा सुनाई है। अदालत ने उन पर 100 रुपए का जुर्माना लगाया है। अगर सपा विधायक जुर्माना नहीं भरते हैं तो उन्हें एक महीने की जेल की सजा काटनी पड़ेगी। नाहिद हसन ने 11 साल पहले पीएम नरेंद्र मोदी और बसपा मुखिया मायावती के खिलाफ विवादित टिप्पणी की थी।
अदालत ने कहा, जुर्माना न देने पर सपा विधायक को एक महीने की सजा काटनी होगी। पुलिस ने उनके खिलाफ आईपीसी की धारा-171(6) के तहत शामली सदर कोतवाली में केस दर्ज किया था। तभी से मामला मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में था। अदालत में सुनवाई को लेकर पुलिस प्रशासन के कड़े इंतजाम रहे।
बता दें कि यह मामला आईपीसी की धारा 171 के अनुसार 28 मार्च 2014 को शामली में दर्ज किया गया था। इस मामले में करीब 11 साल की सुनवाई के बाद फैसला आया है। नाहिद हसन कैराना से विधायक है, जबकि उनकी बहन इकरा हसन कैराना लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं।
गौरतलब है कि देश में 2014 के लोकसभा चुनाव चल रहे थे। शामली शहर के आजाद चोक पर सपा कार्यालय का उद्घाटन होना था। नाहिद हसन कैराना सीट से सपा के उम्मीदवार थे। नाहिद हसन ने मंच से मायावती के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की। उन्होंने कहा, मोदी और मायावती दोनों कुंवारे हैं। भाजपा नेता नरेंद्र मोदी की गोद में मायावती तीन बार बैठ चुकी हैं।
मायावती और मोदी को अविवाहित बताते हुए उन्होंने आगे कहा, मायावती को उनके बाबा ने हराया था, उसके बाद उनके पिता से एक बार उनका पाला पड़ा था और अब यदि उनसे माया का पाला पड़ा तो इसका अंजाम भी लोग देख लेंगे।
1984 के लोकसभा चुनाव में नाहिद के बाबा अख्तर हसन ने मायावती को हराया था। उसके बाद लखनऊ में गेस्ट हाउस कांड में उनके पिता मुनव्वर हसन का नाम भी उछला था। अब यदि मायावती उनके सामने प्रचार करने आती हैं तो वो भी उसे देख लेंगे। नाहिद ने कहा, मायावती का पागल हाथी शामली और कैराना में नहीं घुस पाएगा।
नाहिद हसन का घराना कभी मायावती का समर्थक रहा है। नाहिद की मां तबस्सुम हसन 2009 में कैराना से लोकसभा सीट से बसपा के ही टिकट पर चुनाव लड़कर संसद पहुंची थीं।