लखनऊ 20 नवंबर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को ऐलान किया है कि दिसंबर 2026 तक उत्तर प्रदेश देश को पहली नाइट सफारी का उपहार देगा। राजधानी लखनऊ में बनने जा रही यह नाइट सफारी देश और दुनिया के प्रकृति प्रेमियों के लिए एक नया गंतव्य होगा। यह दुनिया की पांचवीं नाइट सफारी होगी।
मुख्यमंत्री के समक्ष मंगलवार को उनके सरकारी आवास पर उच्चस्तरीय बैठक में प्रस्तावित कुकरैल नाइट सफारी पार्क एवं जू का प्रस्तुतिकरण किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्माण कार्य हर हाल में जून 2026 तक पूरा कर लिया जाए। नाइट सफारी व जू के लिए वन्य जीवों के लाने की समुचित व्यवस्था प्रारंभ कर दी जाए। नाइट सफारी व जू की इकोनामी के लिए सस्टेनेबल मॉडल विकसित किया जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 72 फीसदी एरिया में ग्रीनरी विकसित की जाए और यहां सौर ऊर्जा को प्रकल्पों को भी स्थान दिया जाए।
सीएम ने कहा कि ऊर्जा के लिए सौर ऊर्जा के विषय पर ध्यान दिया जाए. इस सफारी में जानवरों के लिए सभी तरह की सुविधा मौजूद रहेगी. सीएम ने निर्देश दिया है कि क्वारंटाइन सेंटर, वेटनरी हॉस्पिटल, पोस्ट ऑपरेशन और ऑपरेशन थियेटर की भी निर्माण किया जाए. लोगों की सुविधा और मनोरंजन के लिए भी सरकार इस नाइट सफारी में बहुत सी सुविधा करने जा रही है. सफारी में 7 डी थियेटर, ऑडिटोरियम, कैफेटेरिया, पार्किंग जैसी कई सुविधाएं मौजूद होंगी.
इसी के साथ नाइट सफारी में एडवेंचर एक्टिविटी का निर्माण कराया जाएगा. इस एडवेंचर एक्टिविटी में पैडल बोट, सुपरमैन जिपलाइन, स्काई रोलर, बुरमा ब्रिज, जिप लाइन और आर्चरी शामिल होगी. वही, बच्चों के मनोरंजन के लिए एनिमल थीम और स्काई साइकिल का निर्माण कराया जाएगा. इस पूरी सफारी में लॉयन, टाइगर, तेंदुआ, उड़न गिलहरी और हॉयना आदि दिखेंगे.
डे सफारी का विस्तार दूसरे चरण में होगा। बैठक में प्रदेश सरकार के वन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना, शासन व वन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
नाइट-डे सफारी की होगी यह विशेषता
नाइट सफारी क्षेत्र में इंडियन वॉकिंग ट्रे, इंडियन फुटहिल, इंडियन वेटलैंड, एरिड इंडिया व अफ्रीकन वेटलैंट की थीम पर विकसित किए जाने वाले क्षेत्र मुख्य आकर्षण होंगे।
पर्यटकों द्वारा नाइट सफारी पार्क के अवलोकन हेतु 5.5 किमी. ट्रामवे तथा 1.92 किमी. का पाथवे माध्यम से किया जाएगा।
नाइट सफारी में मुख्यतः एशियाटिक लॉयन, घड़ियाल, बंगाल टाइगर, उड़न गिलहरी, तेंदुआ, हॉयना आदि मुख्य आकर्षण होंगे।
कुकरैल नााइट सफारी परियोजना के अंतर्गत विश्व स्तरीय वन्य जीव चिकित्सालय व रेस्क्यू सेंटर का निर्माण भी प्रस्तावित है।
कुकरैल वन क्षेत्र में स्थापित होने वाले जू में कुल 63 इनक्लोजर बनाए जाएंगे।
जू में सारस क्रेन, स्वांप डियर, हिमालयन भालू, साउथ अफ्रीकन जिराफ, अफ्रीकन लॉयन व चिंपाजी मुख्य आकर्षण होंगे।
जू को अफ्रीकन सवाना, इनक्रेडिबल इंडिया, इंजीनियर्ड वेटलैंड नामक थीम क्षेत्रों पर विकसित किया जाएगा।