देश में 75 साल पूर्व आजादी के बाद संविधान के निर्माता संकल्प हुआ था उस दिन से आज तक हर व्यक्ति को न्याय दिलाने और उसे आजादी से जीवन जीने का अधिकार हमारा संविधान सबको देता रहा है। गत दिवस देशभर में संविधान दिवस मनाया गया। इसी कड़ी में लोकसभा के संविधान कक्ष में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, पीएम मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने संविधान दिवस मनाया। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्म ने कहा कि संवैधानिक आदर्शों और मौलिक कर्तव्यों को आचरण में उतारे। हमारा संविधान जीवित व प्रगृतिशील दस्तावेज है। समग्र समावेशी विकास की दिशा में किए गए प्रयासों को आगे बढ़ाता है। कार्यपालिका न्यायपालिका विधायिका संविधान के अनुसार काम करे। पीएम मोदी ने कहा कि संविधान मार्गदर्शन है। आपातकाल का समाधान भी संविधान ने निकाला था। यही सामाजिक न्याय का जरिया भी है। यही हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों की आधारशिला है। अगर देखें तो इन प्रमुखों ने जो कहा वो हमे हौंसला और आजादी से जीने का अवसर उपलब्ध कराते हैं। इस मौके पर संविधान से नहीं हटेंगे धर्मनिरपेक्ष समाजवादी शब्द भी भरोसा दिलाते हैं यह भविष्य में लागू रहेंगी। संविधान सभा में सभी क्षेत्रों के लोगों का योगदान रहा और यह इसी के चलते जीवित एवं सामाजिक दस्तावेज भी है। ,
देश में हर आदमी संविधान को मानने के कृतसंकल्प है। लेकिन इस सबको बावजूद इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि जिस न्याय की कल्पना कमजोर निराक्षित आदमी के हित में संविधान रचयिाताओं ने की होगी और हमारे नेता उसे लागू करने की कोशिश कर रहे हैं उसके अनुसार हमें पूर्ण रूप से न्याय नहीं मिल पा रहा है वरना देश में 80 करोड़ लोग मुफत के राशन पर नहीं पल रहे होते और जो आर्थिक आजादी उन्हें मिलनी चाहिए वो भी शायद नहीं मिली है। मैं कानून लागू करने वालों पर सवाल नहीं उठा रहा लेकिन जिस प्रकार थाना कचहरी और अधिकारियों से लेकर सीएम तक लोग अपनी समस्या समाधान के लिए दौड़ लगा रहे हैं सूचना का अधिकार का उपयोग कर रहे हैं और फिर भी 75 साल बाद भी न्याय पाने वालों की भीड़ कम होने को तैयार नहीं है इस बात से भी हमारे संविधान की रक्षा करने वालों को सोचना होगा क्योकि जब तक गरीब और कमजोर आदमी को न्याय नहीं मिलता तब तक मुझे लगता है संविधान का सही लागूकरण की बात नजर नही आती है वरना एक आदमी निरंतर धनवान और दूसरा गरीबी की ओर क्यों बढ़ रहा है। इस बात और तथ्य पर सरकार और नेताओं को सोचने की आवश्यकता है। संविधान हमारा मार्गदर्शक और मान सम्मान है। इसमें बाबा साहेब अंबेडकर और उनके सहयोगियों ने जो सपने देखे थे उसे पूरा करने का अटल निश्चय कर आगे बढ़ना होगा। यही संविधान के प्रति हमारी अभिव्यक्ति है।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
हमारा मान सम्मान है देश का संविधान गरीब और कमजोरों को न्याय दिलाने की है बड़ी आवश्यकता
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