आज हम वर्ष 2024 को विदाई और 2025 का स्वागत कर रहे हैं। वैसे तो भारतीय व्यवस्था के तहत नया साल एक अप्रैल को मनाना चाहिए लेकिन पूरी दुनिया में एक जनवरी को मनाया जाने वाला नववर्ष महत्वपूर्ण है। सरकार भी सुविधाएं देने के साथ कर भी लगा रही है। सरकार और जनता अपने निर्णय ले रहे हैं मगर मुझे लगता है कि नए साल में केंद्र और प्रदेश सरकारों को ऐसा जरूर करना चाहिए जिससे कोई भी नागरिक किसी मांग को लेकर धरना प्रदर्शन और बंद के चलते जाम में ना फंसे। पूर्व में ऐसे आदेश अदालत ने भी दिए थे कि नागरिकों को आवागमन में परेशानी ना होने दी जाए। नियमों में भी यही व्यवस्था है। हर आदमी का अधिकार सुरक्षित किया गया है संविधान में तो फिर जनतंत्र की भीड़ और व्यवस्था बनाने वालों की लापरवाही के चलते आम आदमी कष्टों का सामना क्यों करे। यह किसी से छिपा नहीं है कि आए दिन जाम से आवागमन में कितनी परेशानी होती है और कुछ लोगों के तो नुकसान भी हो जाते है। बच्चे परीक्षा केंद्र पर नहीं पहुंचे पाए या मरीज रास्ते में ही मर गया। बीमारों को समय से इलाज नहीं मिल पाया। ऐसे ही अनेको कारण हैं जो कुछ लोगों के जाम और धरना प्रदर्शन के चलते नागरिकों को झेलने पड़ते हैं और कुछ के लिए यह जीवनभर का सदमा बन जाते है। सरकार कुछ सोचे तो फिर धरना प्रदर्शन करने वालों को व्यवस्थित तो होना ही पड़ेगा। इसलिए जिस प्रकार शहरों में धरना प्रदर्शन के लिए कुछ स्थान सुनिश्चित किए गए हैं उसी प्रकार मुख्य मार्गों हाइवे पर धरना प्रदर्शन करना है तो सड़क से हटकर इसके लिए इंतजाम किए जाएं। कुल मिलाकर कहने का आश्य इतना है कि नागरिकों को इन धरना प्रदर्शनों के कष्टों से मुक्ति मिलनी चाहिए। कभी ऐसा पढ़ने को मिलता है कि वाहन धरने में फंस गए और नागरिक समय से नहीं पहुंचे। जंगलों में फंसे रहे। खाना पानी उपलब्ध नहीं हो पाया। बस रेल प्रभावित नहीं होनी चाहिए। लोकतंत्र में जनतंत्र की नहीं कानून की व्यवस्था चलनी चाहिए इसलिए सरकार को यह तय करना होगा कि जनता प्रभावित ना हो। एक विश्वास से कही जा सकती है कि अगर मोदी योगी की सरकार किसी बात को सोच ले तो वो पूरा होने से नहीं रह सकती। अब समय आ गया है कि यह सोच लागू होनी चाहिए क्योंकि आम आदमी इन परेशानियों के चलते सड़क पर आया तो सरकार और प्रदर्शनकारी दोनों को ही समस्या हो सकती है।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
केंद्र और प्रदेश सरकारों आम आदमी को धरना प्रदर्शन के जाम से मुक्त कराने का लें निर्णय
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